Hindi Newsबिहार न्यूज़railway track between forbesganj and kosi mithilanchal developed after 14 years of kusha tragedy might start from end of november

कुसहा त्रासदी के 14 साल बाद फारबिसगंज से जुड़ेगा कोसी और मिथिलांचल, नवंबर में रेल लाइन को हरी झंडी

बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में कोसी की भीषण कुसहा त्रासदी के 14 साल बाद फॉरबिसगंज से कोसी और मिथिलांचल तक रेलवे ट्रैक बिछाने के काम पूरा हो चुका है। निरीक्षण के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू होगा।

Abhishek Mishra हिन्दुस्तान टीम, फारबिसगंजThu, 3 Nov 2022 10:37 AM
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कोसी और मिथिलांचल इसी माह फारबिसगंज से रेल नेटवर्क से जुड़ जायेगा। नवंबर के अंत तक या दिसंबर से अंतराष्ट्रीय महत्व वाले रेलखंड के नरपतगंज-फारबिसगंज वाले हिस्से को चालू कर सहरसा से फारबिसगंज तक ट्रेन दौड़ाने की योजना है। पहले इस साल के अंत तक इस रेलखंड को जोड़ने की बात कही जा रही थी। फिलहाल 20 नवंबर को नरपतगंज-फारबिसगंज (16 किमी) आमान परिवर्तन कार्य का ईस्टर्न सर्किल कोलकाता के सीआरएस सुवोमोय मित्रा के निरीक्षण की संभावित तिथि तय की गई है।

सीआरएस अपने निरीक्षण में स्पीड ट्रायल कर नवनिर्मित रेललाइन, पुलों सहित अन्य कार्यों को देखेंगे कि वह रेलवे के तय मानक के अनुसार सही हैं या नहीं। रेललाइन ट्रेन परिचालन शुरू करने लायक उपयुक्त है या नहीं। सीआरएस से हरी झंडी मिलते ही रेलवे बोर्ड ट्रेन परिचालन की तिथि और समय सारिणी तय करेगा। इसके साथ ही अगस्त 2008 में आई कुसहा त्रासदी के बाद से सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर बंद रेल संपर्क 14 साल बाद फिर से शुरू होगा।

रेलवे बोर्ड और पूर्व मध्य रेल प्रशासन ने नवंबर माह में ही नरपतगंज-फारबिसगंज नवनिर्मित रेलखंड को कोसी व मिथिलांचल से जोड़ने के लिए समय सीमा तय की है। इसको लेकर रेल निर्माण विभाग पटरी पर गिरायी गयी गिट्टी की मजदूरों से पैकिंग कराने का काम कर रहा है। दो से तीन दिन में गिट्टी की पैकिंग टेम्पिंग मशीन से करने की बात कही जा रही है। बता दें कि इस रेलखंड में सभी 11 बड़े और 26 छोटे पुल बन चुके हैं। नौ रेल फाटक बन गए हैं और कुछ पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। इस रेलखंड पर स्थित देवीगंज और चकरदाहा दो हॉल्ट के बिल्डिंग का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं यार्ड से फारबिसगंज स्टेशन तक कनेक्टिविटी बहाल करने का काम एनएफ रेलवे द्वारा किया जा रहा है।

फारबिसगंज तक ट्रेन सेवा बहाल होने का फायदा यह होगा कि कम खर्च पर लोग नेपाल बॉर्डर पास पहुंच जायेंगे। दरअसल, फारबिसगंज नेपाल बॉर्डर के पास का भारतीय इलाका है। मिथिलांचल के लोग लहेरियासराय से सहरसा जाने वाली ट्रेन से सरायगढ़ उतरकर फारबिसगंज जाने वाली ट्रेन से आवाजाही कर सकेंगे। लाखों की आबादी को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी।

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