राबड़ी देवी ने बिहार क्राइम कंट्रोल बिल को बताया काला कानून, कहा- देश में कमजोर हो गई बीजेपी
विधान परिषद में नेता विरोधी राबड़ी देवी ने बिहार क्राइम कंट्रोल बिल को काला कानून बताया है। और कहा कि देश में बीजेपी कमजोर हो गई है। इसी लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है।
बिहार बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रहा। विधान परिषद में नेता विरोधी राबड़ी देवी की अगुवाई में राजद के नेताओं के साथ तख्ती लेकर बिहार क्राइम कंट्रोल बिल का विरोध किया। और इसे काला कानून करार दिया। उन्होने कहा कि इसे लागू नहीं होना चाहिए। इस दौरान विरोध कर रहे नेताओं की तख्तियों पर लिखा था कि भ्रष्टाचार-लूट अपराध बंद करो। विधायकों का धमकाना बंद करो। पलटी राम हाय-हाय के नारे लिखे थे।
विधान परिषद में नेता विरोधी राबड़ी देवी ने कहा कि जिस काले बिल को वे पास करने जा रहे हैं। हम उसका विरोध कर रहे हैं। बीजेपी सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में कमजोर हो रही है। इसीलिए विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है। भारत सरकार पूरी तरह टूट गई है।
आपको बता दें गुरुवार को विधानसभा ने बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 पर सहमति प्रदान कर दी। इसके अलावा 9 अन्य विधेयकों पर भी सदन की मुहर लगी। बिहार क्राइम कंट्रोल बिल से सूबे में असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। अपराध के नए-स्वरूपों पर भी अंकुश लगेगा।
सदन में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक को पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य में असामाजिक तत्वों के नियंत्रण व दमन के विशेष प्रावधान को बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 लागू है। यह अधिनियम 43 साल पुराना है। वर्तमान में अवैध शराब, आग्नेयास्त्रत्त् का दुरुपयोग, अवैध बालू खनन, भूमि कब्जा, सूचना प्रावैधिकी का दुरुपयोग, यौन अपराध, बच्चों के प्रति अपराध आदि के लिए इस विधेयक की जरूरत थी।
उन्होंने बिहार लोक सुरक्षा (उपाय) विधेयक 2024 पेश करने के बाद उसपर चर्चा करते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण एवं सुरक्षात्मक वातावरण बनाये रखने में राज्य सरकार को सार्वजनिक निगरानी प्रणाली में सक्षम होने के लिए जन सहयोग एवं जनभागीदारी आवश्यक है। इसके लिए राज्य के वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों व महत्वपूर्ण व भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर इन स्थलों के संचालकों के द्वारा अपने अधीन प्रतिष्ठानों व स्थलों पर सीसीटीवी व अन्य सुरक्षात्मक तकनीक स्थापित कर असामाजिक तत्वों के कार्यकलापों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि अपराधों को रोकने, ट्रैक करने और पता लगाने के लिए फुटेज प्राप्त होने से अपराध के बाद त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रतिष्ठानों, वाणिज्यिक केन्द्र, अस्पताल, बैंक, धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, खेल परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा व सुरक्षात्मक उपकरण लगाने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में अधिसूचित श्रेणी के सभी प्रतिष्ठान निकट की सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे। फुटेज 30 दिनों के लिए संग्रहित करेंगे।