तैयारी: पटना जलजमाव से 50 साल के लिए मुक्त होगा
पटना में हाल ही में अभूतपूर्व जलजमाव हुआ। ऐसा फिर न हो, इसकी तैयारी शुरू हो गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग अगले 50 साल तक फिर ऐसा न हो, इसे ध्यान में रखकर योजना बना रहा है। इसके लिए शॉर्ट टर्म,...
पटना में हाल ही में अभूतपूर्व जलजमाव हुआ। ऐसा फिर न हो, इसकी तैयारी शुरू हो गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग अगले 50 साल तक फिर ऐसा न हो, इसे ध्यान में रखकर योजना बना रहा है। इसके लिए शॉर्ट टर्म, मीडियम और लांग टर्म प्लान बनाया गया है। तत्काल निदान के लिए ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों का जाल बिछेगा और मौजूदा स्टेशनों को सुधारा जाएगा। पटना का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाएगा। अध्ययन के बाद विशेषज्ञ एजेंसी की मदद से पूरी कार्ययोजना तैयार होगी। उसी हिसाब से काम होगा।
जलजमाव से निपटने को विभाग ने खाका खींच लिया है। नवनियुक्त सचिव आनंद किशोर ने इसे अमल में लाने की कवायद तेज कर दी है। तत्काल निदान वाले काम मार्च तक पूरे कर लिए जाएंगे। स्थायी निदान वाले कार्य मार्च तक शुरू करा दिए जाएंगे। इस संबंध में सोमवार को बुडको की बैठक के बाद मंगलवार को नगर निगम के अफसरों संग उन्होंने मैराथन मंथन किया। निगम के साथ बुडको को और संसाधनों से लैस किया जाएगा। शहर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण में कंटूर मैपिंग, जीआईएस मैपिंग के साथ ही मौजूदा ड्रेनेज नेटवर्क का सर्वे कराया जाएगा। हालिया निदान के लिए नए ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन बनेंगे तो कुछ मोबाइल पंपिंग स्टेशन भी खरीदे जाएंगे।
कचरा उठाने से लेकर सभी प्रकार की गाड़ियों में जीपीएस लगाया जाएगा। इन पर नजर रखने को सभी छह अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी और पटना नगर निगम में कंप्यूटराइज्ड कंट्रोल रूम स्थापित होगा। जल्द नगर विकास विभाग भी पटना सहित 12 नगर निगम की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाएगा।
नक्शे का आवेदन ही नहीं, पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
सचिव ने पटना नगर निगम को सारे नक्शे ऑनलाइन ही पास करने का निर्देश दिया है। असल में यह व्यवस्था कागजों में तो सालों से है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। सिर्फ आवेदन ऑनलाइन ले लिया जाता है, फिर आवेदक चक्कर काटते रहते हैं। निगम को कहा गया है कि आवेदन से लेकर सर्वे और नक्शा पास करने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जाए। निगम को जल्द कुछ ई-सेवाएं भी शुरू करने को कहा गया है। आवारा पशुओं को लेकर भी जल्द कार्ययोजना बनेगी।
रामचक बैरिया में लगेंगे दो प्लांट
नगर विकास सचिव आनंद किशोर ने निगम को निर्देश दिए हैं कि पटना को कचरे का ढेर बनने से रोका जाए। इसके लिए प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लान बनेगा। रामचक बैरिया में कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैं। उसका कोई निस्तारण नहीं हो रहा। कूड़े से बिजली बनाने का ठेका लेने वाली कंपनी एजी डाटर का कोई अता-पता नहीं है। रामचक बैरिया में जल्द प्लास्टिक अपशिष्ट प्रोसेसिंग और सीएंडडी (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) अपशिष्ट के प्रोसेसिंग के प्लांट स्थापित होंगे। इसकी शुरूआत एक माह में करने को कहा गया है। प्लास्टिक का प्रयोग सड़क बनाने में होगा। वहीं निर्माण सामग्री के अपशिष्ट का प्रयोग टाइल्स बनाने में होगा।