बिहार का सीएम बनना चाहते हैं प्रशांत किशोर? पीके ने खुद बताया क्या है उनका सपना; जनता से संकल्प भी लिया
पीके ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिहार में मुख्यमंत्री बनने आए हैं, इसलिए इतना मेहतन कर रहे हैं। मैं बता देना चाहता हूं कि आप मुझे नहीं जानते हैं, हम इतना छोटा सपना लेकर नहीं आए हैं।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का सपना क्या है? क्या पीके बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं या फिर बिहार के रास्ते केंद्र तक पहुंचना उनकी मंजिल है? इन सवालों को जवाब प्रशांत किशोर ने खुद दे दिया है। बुधवार को एक जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि कई लोग सवाल करते हैं कि ये भाई, इतना मेहनत काहे कर रहे हैं। वोट मांग नहीं रहे हैं, हम लोग से कुछ लिए भी नहीं तो इतना मेहनत क्यों कर रहे हैं। पीके ने कहा कि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बिहार में मुख्यमंत्री बनने आए हैं, इसलिए इतना मेहतन कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि आप मुझे नहीं जानते हैं, हम इतना छोटा सपना लेकर नहीं पैदा हुए हैं। हम सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री बनने का सपना लेकर नहीं आए हैं। ये सपना लेकर आए हैं कि अपने जीवन काल में इसी बिहार में वो व्यवस्था बना दें कि गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा औ पंजाब समेत पूरे भारत वर्ष से एक दिन लोग बिहार में आकर रोजी-रोजगार करे तब मानेंगे कि बिहार में विकास हो रहा है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यदि आप अपने बच्चों को शिक्षित नहीं करेंगे तो जीवनभर कभी अनाज के लिए तो कभी नाली-गली के लिए नेताओं के चक्कर में आपको हाथ फैलाना पड़ेगा। इस दौरान पीके ने जनसभा में मौजूद लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि भले ही आधा पेट खाइये लेकिन अपने बच्चों को शिक्षित कराइये। एक आर आपके बच्चे पढ गए और नौकरी पा गएं तो जीपन में कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।
इससे पहले मंगलवार को प्रशांत किशोर ने बिहार में जारी किए गए जातीय गणना की रिपोर्ट को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि 2024-25 के चुनाव में नीतीश कुमार को जातिगत सर्वे बहुत भारी पड़ने वाला है। अगर, वे दोनों भला चाहते हैं तो मुसलमान को होम मिनिस्टर बनाएं। पीके ने कहा कि लालू जी और नीतीश जी को ये बताना चाहिए कि समाज के जो पिछड़े वर्ग हैं, जिनकी रहनुमाई का वो दावा कर रहे हैं, उनमें से कितने लोगों को उन्होंने टिकट देकर विधायक बनाया है। जो विधायक जीतकर आए हैं, उनमें से कितनों को उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल किया है और जो लोग मंत्रिमंडल में शामिल हैं, उन्हें किस तरह के विभाग दिए गए हैं और उनके पास कितना बजट है।