बिहार में PFI खेल रहा जाति कार्ड, टारगेट पर पिछड़ा-मु्स्लिम-दलित; कैंप लगा फैला रहे नफरत
सोशल मीडिया पर जातीय घृणा से जुड़े वीडियो समय-समय पर वायरल करने की रणनीति बनाई जा रही थी। इस काम का बखूबी अंजाम देने के लिए एक्सपर्ट की टीम है। रिमांड पर लिए गए याकूब और बेलाल ने इसका खुलासा किया है।
पीएफआई पिछड़े, दलित और मुस्लमों को भड़काकर बिहार में बड़े उपद्रव की साजिश रच रहा था। इसके लिए पीएफआई के ट्रेनर उत्तर बिहार में मुस्लिम और अनुसूचित जाति के टोलों में कैंप लगा रहे थे। इस काम के लिए रियाज मारूफ के नेतृत्व में बड़ा नेटवर्क बनाया गया था। यह संगठन अपने मकसद की कामयाबी और विस्तार के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर जातीय घृणा से जुड़े वीडियो समय-समय पर वायरल करने की रणनीति बनाई जा रही थी। इस काम का बखूबी अंजाम देने के लिए एक्सपर्ट की टीम बनाी रिमांड पर लिए गए पीएफआई के याकूब और बेलाल ने पूछताछ में इस साजिश का खुलासा किया है।
इस मामले में खुलासा होने पर पुलिस की उच्च स्तरीय टीम द्वारा याकूब और बेलाल से घंटों पूछताछ की गई। राजधानी पटना में दोनों से पूछताछ हो रही है। पूछताच में केंद्रीय और राज्य की कई एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं। दोनों टीम अपने अपने स्तर से जरूरी जानकारी जुटाने में लग गए हैं। मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम भी उसमें शामिल है। जिले की ओर से डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद पटना में कैंप कर रहे हैं। पूछताछ के आधार पर आगे कार्रवाई की रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि पूछचाछ को लेकर काफी गोपनीयता भी बरती जा रही है।
पिछले दिनों नेपाल से अयोध्या ले जाई जा रही शालिग्राम शिला यात्रा के दौरान भी पीएफआई ने गड़बड़ी की साजिश रची थी। इसको लेकर सोशल मीडिया पर पीएफआई के नेताओं की ओर से पोस्ट डाले गए थे। हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पीएफाआई अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका। दरअसल बिहार के विभिन्न जिलों में पीएफआई अपना गुप्त नेटवर्क तैयारा कर रहा है। गावों के सीधे सादे लोगों का ब्रेन वाश कर उन्हें कट्टर बनाया जा रहा है। पटना से मोतिहारी, दरभंगा और अन्य जिलों में कई गिरफ्तारियां की गई हैं। अब उनकी कास्ट बेस्ट स्ट्रेजी के खुलासे से हड़कंप मच गया है।