पटना मेट्रो के डिपो और मीठापुर में बनेंगे रिसीविंग सब स्टेशन, पूरी लाइन को यहीं से मिलेगा पॉवर
रिसीविंग सब स्टेशन मेट्रो की है महत्वपूर्ण इकाई जानकारी के अनुसार मेट्रो के परिचालन के लिए रिसीविंग सब स्टेशन एक अहम इकाई होती है। इसके माध्यम से ही संपूर्ण मेट्रो सिस्टम को बिजली की सप्लाई मिलती है।
पटनावासियों को मेट्रो ट्रेन का बेसब्री से इंतजार है। बिहार के पहले मेट्रो प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। पटना मेट्रो के सफल संचालन के लिए दो रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) का निर्माण किया जाएगा। आरएसएस का निर्माण मेट्रो के डिपो और मीठापुर में किया जाएगा, जबकि पटना मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के सभी 24 स्टेशनों पर ट्रेक्शन सब-स्टेशन (टीएसएस) का निर्माण किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार पटना मेट्रो को पावर ग्रिड से 220 किलो वोल्ट की सप्लाई मिलेगी, जिसे रिसीविंग सब स्टेशन में लगने वाले स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 220 किलोवाट की सप्लाई को 33 किलो वोल्ट में बदला जाएगा। इसके बाद 33 किलो वोल्ट की सप्लाई को विभिन्न स्टेशनों पर लगने वाले ट्रेक्शन सब स्टेशन के ट्रेक्शन ट्रांसफार्मर की मदद से 750 वोल्ट को डीसी में बदला जाएगा। इसका उपयोग ट्रेन संचालन के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशन पर लगने वाले एक्सलेटर, लाइटिंग, लिफ्ट, एयर कंडीशनिंग सिस्टम आदि सिस्टम ओके संचालन के लिए 440 वोल्ट को 33 किलो वोल्ट में परिवर्तित कर बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
रिसीविंग सब स्टेशन मेट्रो की है महत्वपूर्ण इकाई जानकारी के अनुसार मेट्रो के परिचालन के लिए रिसीविंग सब स्टेशन एक अहम इकाई होती है। इसके माध्यम से ही संपूर्ण मेट्रो सिस्टम को बिजली की सप्लाई मिलती है। इससे मेट्रो ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित होता है। वहीं आपातकालीन स्थिति में यदि किसी एक रिसीविंग सब-स्टेशन से पावर सप्लाई बाधित होती है तो स्वत ही उस रिसीविंग सब स्टेशन का भार दूसरे रिसीविंग सब स्टेशन में शिफ्ट हो जाएगा। इससे मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों को निर्बाध रूप से बिजली मिलती रहेगी। इससे परिचालन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।