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Patna Metro: राजेंद्र नगर में रैंप पर चढ़कर भूमिगत से एलिवेटेड होगी मेट्रो, ट्वीन टनल बनेगा, 1958.81 करोड़ से होंगे प्लेटफॉर्म, सब-वे निर्माण और ड्रेनेज के कार्य

पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। पटना रेलवे स्टेशन से भूमिगत जाने वाली मेट्रो राजेंद्र नगर पहुंचकर जमीन छोड़ देगी। उससे आगे का हिस्सा उपरिगामी यानि एलिवेटेड होगा। राजेंद्र नगर...

Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Sun, 1 Aug 2021 09:29 AM
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पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। पटना रेलवे स्टेशन से भूमिगत जाने वाली मेट्रो राजेंद्र नगर पहुंचकर जमीन छोड़ देगी। उससे आगे का हिस्सा उपरिगामी यानि एलिवेटेड होगा। राजेंद्र नगर स्टेशन के निकट ही वो स्थल होगा, जहां से मेट्रो रैंप पर चढ़कर अंडरग्राउंड से एलिवेटेड ट्रैक तक पहुंचने का सफर तय करेगी। यहीं एक ट्वीन टनल भी बनेगी, जिसमें अप और डाउन की मेट्रो ट्रेन गुजरेगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) इसके सहित कई दूसरे कार्यों की करीब दो हजार करोड़ की निविदा फाइनल कर चुका है।

पटना मेट्रो के 32 किलोमीटर से अधिक दायरे में दो कॉरिडोर में मेट्रो रेल का संचालन होना है। इस काम को डीएमआरसी द्वारा किया जा रहा है। एक-एक करके कंपनी द्वारा कई टेंडर फाइनल किए जा चुके हैं। नया टेंडर 1958.81 करोड़ का किया गया है। इसके तहत कई महत्वपूर्ण काम होने हैं। राजेंद्र नगर पर मेट्रो को अंडरग्राउंड से एलिवेटेड ट्रैक पर ले जाने के लिए बनने वाला रैंप दो हिस्सों में होगा। पहले हिस्से में मेट्रो को अंडरग्राउंड से जमीन के लेवल पर लाया जाएगा। फिर दूसरे हिस्से में इसे जमीन से ऊपर एलिवेलेटेड सेक्शन तक पहुंचाया जाएगा। यहां ट्वीन टनल यानि दो टनल बनेंगे, जिनसे अप और डाउन लाइन की आवाजाही होगी। यह काम अत्याधुनिक तकनीक से होगा, जिसमें जमीन के नीचे होने वाले काम का ऊपर से पता भी नहीं चलेगा।

32.49 किलोमीटर के होंगे दोनों मेट्रो कॉरिडोर

कॉरिडोर-1 : दानापुर-मीठापुर-खेमनीचक के बीच होगा। इसमें 7.393 किमी उपरिगामी यानि एलिवेटेड होगा और भूमिगत 10.54 किमी. होगा। इस प्रकार कुल 17.933 किमी में कॉरिडोर-1 बनेगा। वहीं कॉरिडोर-2 में पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन- गांधी मैदान-पाटलिपुत्र आईएसबीटी शामिल हैं। 14.564 किमी के इस कॉरिडोर में कुल 6.638 किमी उपरिगामी और 7.926 भूमिगत होगा।

कुछ ऐसा होगा प्रायोरिटी कॉरिडोर

पटना मेट्रो के फेज-1 के तहत प्रस्तावित कॉरिडोर-2 के न्यू पाटलिपुत्र आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन से मलाही पकड़ी मेट्रो स्टेशन के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर बनना है। प्रायोरिटी कॉरिडोर की कुल लंबाई 6.1 किमी है। इसमें पांच स्टेशन होंगे और सभी उपरिगामी यानि एलिवेटेड हैं। इसमें न्यू पाटलिपुत्र आईएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी स्टेशन होंगे।

छह मेट्रो स्टेशन होंगे विकसित

डीएमआरसी द्वारा किए गए टेंडर में छह मेट्रो स्टेशनों का विकास भी शामिल हैं। इसमें राजेंद्र नगर, मोइनुल हक स्टेडियम, पटना यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। यहां अंडरग्राउंड स्टेशन के प्लेटफार्म से ऊपर मुख्य मार्ग तक लाने के लिए सब-वे का निर्माण होगा। वो भी रैंपनुमा होगा। इसके अलावा प्लेटफार्म पर तमाम अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

13365 करोड़ है प्रोजेक्ट की प्रस्तावित लागत

पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण पर 13 हजार 365 करोड़ 77 लाख का खर्च आएगा। परियोजना लागत में 20 फीसदी राशि राज्य सरकार और इतनी ही केद्र सरकार देगी। शेष 60 फीसदी राशि जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जाइका) से ऋण लिया जाना है। इस प्रोजेक्ट को पांच साल यानि 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि राजेंद्र नगर से न्यू आईएसबीटी के बीच बनने वाले प्रायोरिटी कॉरिडोर में तीन साल में मेट्रो संचालन का लक्ष्य रखा गया है।

न्यू आईएसबीटी से पटना स्टेशन तक होगा ड्रेनेज कार्य

इस टेंडर में कॉरिडोर-2 में ड्रेनेज का काम भी शामिल है। इसके तहत पाटलिपुत्र अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (न्यू आईएसबीटी) से लेकर पटना स्टेशन तक ड्रेनेज का काम होना है।

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