बिहार के 8000 परिवार बताएंगे, कोरोना की दूसरी लहर क्यों बनी घातक, पटना में ही हुई 2200 से अधिक मौत
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ज्यादा तबाही क्यों हुई? खासकर पटना में ज्यादा लोग इसके शिकार कैसे हुए? इसका पता लगाने के लिए जिले के संक्रमित हो चुके आठ हजार परिवार को चिह्नित किया गया है। इन...
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ज्यादा तबाही क्यों हुई? खासकर पटना में ज्यादा लोग इसके शिकार कैसे हुए? इसका पता लगाने के लिए जिले के संक्रमित हो चुके आठ हजार परिवार को चिह्नित किया गया है।
इन परिवारों में संक्रमण के प्रसार के कारणों का पता लगाया जाएगा। ऐसा तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए किया जा रहा है। पटना जिला प्रशासन ने इस पर अध्ययन की जिम्मेवारी एक एजेंसी को दी है। इसमें 34 लोगों की टीम लगी है। ज्यादातर ऐसे इलाके के परिवार चयनित किए गए हैं, जहां 2020 और 2021 में अधिक संक्रमण हुआ था। शहरी क्षेत्र में घनी आबादी, ज्यादा गतिविधि, लोगों का पलायन संक्रमण का कारण बनी, या कोई अन्य कारण है, इस पहलू पर भी अध्ययन किया जा रहा है।
2200 से अधिक लोगों की जा चुकी है जान
पटना जिले में कोरोना वायरस से 2200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसमें पहली लहर यानी 2020 में मरने वालों की संख्या मात्र 250 थी। शेष लोग दूसरी लहर में यानी इसी साल वायरस के शिकार हुए। इस तरह पहली की तुलना में दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या आठ गुणा थी।
शहरी क्षेत्र के ज्यादा परिवार
कोरोना वायरस का प्रकोप पहली और दूसरी लहर में शहरी क्षेत्र में ही अधिक हुआ। इस बार संक्रमितों में 70 ़फीसदी शहरी क्षेत्र के थे, जिसमें पटना नगर निगम, फुलवारी शरीफ और खगौल नगर परिषद शामिल है। संक्रमित लोगों में 30 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र की थी।
कुछ इलाकों में अधिक संक्रमण
पटना के शहरी क्षेत्र में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां संक्रमण ज्यादा था। ये इलाके हैं कंकड़बाग, शास्त्रीनगर, दानापुर, फुलवारी शरीफ, राजीव नगर, रूपसपुर और कदमकुआं। यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर क्या कारण है कि इन इलाकों में 2020 में भी अधिक संक्रमण हुआ था तथा दूसरी लहर में भी इन इलाके में सबसे अधिक केस मिले थे।
अध्ययन के बिंदु
- संक्रमण क्यों हुआ, यानी कारण क्या था?
- परिवार में कितने लोग संक्रमित हुए?
- कितने लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया?
- कितने लोग गंभीर थे?
- कितनी की मौत हुई?
- मौत का कारण क्या था ऑक्सीजन या हॉस्पिटल में बेड की अनुपलब्धता?
- कोरोना से ठीक हुए लोगों में क्या हो रही है परेशानी?
आद्री के अध्ययन में सामने आईं थीं ये बातें
आद्री की ओर से पटना शहरी क्षेत्र में कोविड फैलने और उसके कारणों पर अध्ययन कराया जा चुका है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु निम्न हैं -
- लॉकडाउन के दौरान राज्य में बाहर से बहुत कामगार आए।
- सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के प्रति लोग जागरूक नहीं रहे।
- मास्क पहनने के प्रति भी लोग लापरवाह दिखे।
- बाजार की गतिविधियों के समय कोरोना मानकों का पालन नहीं हुआ।
- शादी समारोह और अन्य समारोह भी जारी रहे।
- मार्च में होली के अवसर पर बहुत लोग राज्य आए।
कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए हर पहलू पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद दिए गए सुझाव पर अमल किया जाएगा ताकि आने वाले दिनों में दूसरी लहर की तरह तबाही नहीं हो। भविष्य में यदि वायरस का संक्रमण तेज होता है तो प्रशासन हर तरह से निपटने को तैयार है। - डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना।