CAA के खिलाफ लोगों उकसा रहे PFI जैसे संगठन, गृह मंत्रालय का खुलासा; अब तक 16 हजार प्रोटेस्ट
पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा एवं खुफिया शाखा की ओर से जारी पत्र में मंत्रालय की रिपोर्ट का ज्रिक किया गया है। PFI, जमात ए इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे संगठन लोगों को भड़का रहे हैं।
नरेंद्र मोदी की सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि इस कानून को किसी भी सूरत में वापल नहीं करेंगे। सीएए के संसद से पारित होने के बाद से अब तक देशभर में इसके खिलाफ 16 हजार से अधिक सुनियोजित आंदोलन हुए। इसका विरोध करते हुए कई जगह तोड़फोड़ व धरना-प्रदर्शन हुए, वहीं कई स्थानों पर रैलियों और बैठकों का आयोजन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए के खिलाफ हुए सभी आंदोलनों का ब्योरा तैयार किया है। इसके विश्लेषण से सामने आया है कि सीएए के खिलाफ भीड़ को उकसाने में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई सहित करीब आधा दर्जन संगठन बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। गृह मंत्रालय की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बिहार में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को और चौकसी बढ़ाने का निर्देश जारी किया है।
पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा एवं खुफिया शाखा की ओर से जारी पत्र में मंत्रालय की रिपोर्ट का ज्रिक किया गया है। इसमें बताया गया है कि आंदोलनों के पीछे जिन संगठनों का हाथ है उनमें प्रतिबंधित पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया, जमात ए इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा ए हिंद (अरशद व महमूद गुट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कषगम जैसे संगठन प्रमुख हैं। इनके अलावा, देश के कुछ हिस्सों में अनुसूचित जातियों से संबंधित संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया है।
जिलों को अलर्ट जारी
त्योहारों, परीक्षाओं में सतर्कता के निर्देश गृह मंत्रालय ने इन आंदोलनों को लेकर सभी राज्यों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने आने वाले त्योहारों और परीक्षा जैसे बड़े आयोजनों के दौरान विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जिलों को गाइडलाइन भेजी है। विशेष शाखा के एडीजी की ओर से लिखे पत्र में सभी जिलों को सीएए के खिलाफ हो रहे आंदोलनों की निगरानी के साथ अतिरिक्ति चौकसी के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया समेत सभी संचार माध्यमों की निगरानी बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया है।
दोबारा संलिप्त मिलें तो बेल रद्द कराएं
पत्र के अनुसार मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि गैरकानूनी तरीके से धरना-प्रदर्शन आदि में जेल गए आरोपितों को जमानत मिलने के बाद यदि वे फिर ऐसी गतिविधि में संलिप्त पाए जाते हैं, तो उनकी जमानत रद्द कराने की कार्रवाई की जाए। ऐसे तत्वों की सतत निगरानी को कहा गया है। देश में सीएए लागू किए जाने की अधिसूचना गत 11 मार्च को जारी हुई थी। इसके साथ ही सभी राज्यों को कानून-व्यवस्था की विशेष निगरानी के लिए अलर्ट किया गया था। इसके अलावा, राज्यों को सीएए के खिलाफ होने वाले सभी छोटे-बड़े आंदोलनों और गतिविधियों को सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया गया है।