Hindi Newsबिहार न्यूज़Oppose of electricity rate hike proposal in Bihar new price to be implemented from 1 April 2024

बिहार में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध, एक अप्रैल से लागू होंगे नए रेट

बिहार में नई बिजली दरों की घोषणा इसी महीने होगी, जिसे 1 अप्रैल 2024 से लागू किया जाएगा। बिजली कंपनियों ने बिजली बिल में 4.39 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाFri, 2 Feb 2024 09:20 PM
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बिहार में एक अप्रैल 2024 से 4.39 फीसदी बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का उपभोक्ता, कृषि और उद्योग संगठन के प्रतिनिधियों ने एक सुर में विरोध किया है। सभी ने बिजली आपूर्ति कंपनियों को अपनी देनदारियों का बोझ जनता पर डालने की बजाय अपना नुकसान कम करने का सुझाव दिया। साथ ही बिलिंग और कलेक्शन में सुधार लाते हुए बिजली दर कम करने को कहा। शुक्रवार को विद्युत विनियामक आयोग के सदस्य परशुराम सिंह यादव और अरुण कुमार सिन्हा ने जनसुनवाई की और लोगों का पक्ष सुना। साथ ही इसी महीने नई दर घोषित करने की बात कही। विनियामक आयोग के कार्यालय में हुए जनसुनवाई में दो दर्जन से अधिक लोगों ने बिजली दर बढ़ाये जाने का लिखित एवं मौखिक विरोध किया।

रिटायर्ड बिजली अधिकारी नंदजी शर्मा ने होम स्टे को वाणिज्य श्रेणी से अलग करने से पहले इसका मानक निर्धारित करने की मांग की। बिहार गैस मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन के ओपी सिंह ने सुझाव दिया कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए कंपनी को सरप्लस से बची बिजली उद्योगों को सस्ती दर पर उपलब्ध करानी चाहिए। गैस उत्पादन सेवा के क्षेत्र में बिहार के उद्यमियों का सीधा मुकाबला झारखंड और बंगाल से है। लेकिन बिहार में बिजली दर अधिक होने से उद्यमियों को नुकसान हो रहा है। 

खगड़िया के संतोष कुमार ने बिल का भुगतान किए जाने पर उसकी पावती तत्काल मोबाइल पर उपलब्ध कराने, बिजली अधिकारियों पर होने वाली कार्रवाई का ब्योरा सार्वजनिक करने एवं बेहतर जनसुनवाई के लिए हर प्रमंडल में शिविर लगाने का सुझाव दिया। 

विद्युत उपभोक्ता संघर्ष समिति के केशव पाठक, बिहार चैंबर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एकेपी सिन्हा, बिहार स्टील मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन की शगुन श्रीवास्तव, नंदकिशोर राय, रंजन कुमार, डॉ संजय कुमार, अरुण कुमार अग्रवाल, हिमांशु भूषण, रंजन कुमार, सीपी पांडेय, अनिल कुमार सिन्हा, डा. संजय कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे। 

कंपनी का तर्क 
महाप्रबंधक (राजस्व) अरविंद कुमार ने कहा कि चार साल बाद 2023 में दर में बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने सब्सिडी देकर उसे भी समाप्त कर दिया। इस साल बिजली दर बढ़ाने के पीछे ठोस तर्क हैं। प्रीपेड मीटर लगने के बाद अब तक करीब 10 हजार उपभोक्ताओं को उनका सिक्योरिटी डिपोजिट लौटाया जा चुका है। जमा पैसा ब्याज के साथ वापस लौटाया जा रहा है। 

विभिन्न राज्यों में बिजली दर (रुपये प्रति यूनिट)
राज्य        न्यूनतम दर    अधिकतम दर
बिहार        2.12        5.57
झारखंड        5.75        6.30
पश्चिम बंगाल        5.37        8.99
उत्तरप्रदेश        3.35        7.00
महाराष्ट्र        3.44        11.82
राजस्थान        3.00        8.00
मध्यप्रदेश        3.25        6.65
 

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