डेंगू का कहर: पटना में डेंगू से एक और मौत, 147 नए केस सामने आए
डेंगू के मरीज हर रोज औसतन एक सौ से अधिक केस मिल रहे हैं। पिछले दो सप्ताह से डेंगू के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को बेली रोड स्थित जगत अमरावती अपार्टमेंट निवासी वरिष्ठ पत्रकार...
डेंगू के मरीज हर रोज औसतन एक सौ से अधिक केस मिल रहे हैं। पिछले दो सप्ताह से डेंगू के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को बेली रोड स्थित जगत अमरावती अपार्टमेंट निवासी वरिष्ठ पत्रकार रविरंजन सिन्हा की डेंगू से मौत हो गई। इस तरह डेंगू से पटना में अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 147 नए केस सामने आए हैं।
पीएमसीएच के वायरोलॉजी लैब में जांच के बाद शुक्रवार को सिर्फ पटना से 105 मरीजों में डेंगू पॉजीटिव पाया गया। वहीं, निजी अस्पतालों एवं जांच शिविरों से 42 डेंगू के मरीज मिले हैं। पटना से अभी तक कुल 2153 डेंगू के मरीजों की पहचान हो चुकी है। निजी अस्पतालों में राजेश्वर में पांच, जगदीश हास्पिटल में नौ, श्रीराम हॉस्पिटल में दो, फोर्ड हॉस्पिटल में चार, साईं हॉस्पिटल में दो डेंगू के मरीजों की पहचान हुई हैं।
दूसरी बार जिसे डेंगू हो वो रहें ज्यादा सतर्क
पीएमसीएच के मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. आरडी सिंह ने बताया कि दूसरी बार जिस व्यक्ति को डेंगू हुआ है या वो अभी तक बचे हुए हैं, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने के जरूरत हैं। अगर इलाज करा रहे हैं तो हमेशा डॉक्टर की संपर्क में रहें और जो अभी तक बचे हुए हैं उन्हें डेंगू के मच्छर से बचने का पूरा प्रयास करना है। हालांकि डेंगू को लेकर डरने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नासिबो इफैक्ट से बचना है। इसका मतलब यह हुआ कि जितनी गंभीर बीमारी है नहीं उसके बारे में जरूरत से ज्यादा डरना चाहिए। ऐसे मरीजों को कई तरह की परेशानी सिर्फ डर से बढ़ जाती हैं। जो डेंगू से ज्यादा खतरनाक साबित होता हैं। डेंगू की बीमारी में बचाव ही बेहतर इलाज हैं। मच्छरों से बचना और घर के आस-पास पानी को जमा नहीं होने दें। अभी तक ज्यादातर डेंगू के मरीज ठीक हो चुके हैं।