Hindi Newsबिहार न्यूज़now DG Shobha Ahotkar accuses DIG Anusuiya Letter written to Home Department

खुद पर लगे आरोपों से बचने के लिए मेरे खिलाफ रची साजिश, डीजी शोभा अहोतकर का डीआईजी अनुसूइया पर पलटवार

गृह रक्षा वाहनी की डीजी शोभा अहोतकर ने हमलावर तेवर दिखाते हुए डीआईजी अनुसूइया के खिलाफ गृह विभाग को लिखे अलग-अलग तरह के आरोपों को समाहित करते हुए पत्र को समाहित करते हुए फिर से गृह विभाग को लिखा है।

Malay Ojha हिन्दुस्तान, पटनाWed, 20 Sep 2023 09:35 PM
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गृह रक्षा वाहनी की डीजी शोभा अहोतकर और डीआईजी अनुसूइया रण सिंह साहू के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को डीजी ने हमलावर तेवर दिखाते हुए डीआईजी के खिलाफ गृह विभाग को लिखे अलग-अलग तरह के आरोपों को समाहित करते हुए पत्र को समाहित करते हुए फिर से गृह विभाग को लिखा है। उन्होंने अलग-अलग तारीखों में विभाग को भेजे आरोपी पत्रों का पत्रांक और दिनांक के साथ हवाला देते हुए कहा है कि यह डीआईजी साहू की सुनियोजित साजिश है। वे अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने के लिए इस तरह के कदम उठा रही हैं और अपने स्वयं को बेदाग साबित करने के लिए डीजी पर ही आरोप लगा रही हैं। आरोपों के आधार पर संभावित विभागीय कार्रवाई के डर से वे मनगढंत बातें बना रही हैं। क्योंकि उनके खिलाफ लगाए गए पहले के सभी आरोपों की जांच तकरीबन पूरी हो गई है। इन सभी में वे तकरीबन दोषी साबित हो गई हैं। अब कार्रवाई की बारी है। इसके मद्देनजर वे डीजी पर ही हमलावर हो रही हैं।

लगाए गए हैं 6 तरह के आरोप 
डीआईजी अनुसुइया रणसिंह साहू पर लगे छह आरोपों की फेहरिस्त यह है। इसमें बिना अवकाश के लंबे समय तक अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहने का आरोप, लंबे अवकाश के दौरान ऑफ़िशियल वाहन का लगातार दुरुपयोग करते रहना, सुनियोजित एवं सुविचारित षड्यंत्र कर कार्यालय / विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप, अपने स्थानातंरण के लिए नियंत्री पदाधिकारी पर दबाव डालने का प्रयास करना अनुशासनहीनता का आरोप, महिला सिपाही गृह रक्षा वाहिनीं के साथ गलत व्यवहार करने वाले आरोपी निर्मल कुमार तिवारी को जांच में आरोप से बरी करवाना और अपने से सीनियर आईपीएस अधिकारी को रेप के झूठे आरोप लगाकर फंसाने की धमकी देने का आरोप शामिल है।

अलग-अलग तारीखों में भेजे गए आरोपी पत्र
छह अलग-अलग आरोपों से संबंधित पत्र अलग पत्रांक संख्या के साथ गृह विभाग को भेजे गए हैं। सभी आरोपी पत्र इस वर्ष जनवरी से लेकर सितंबर के बीच के हैं। पहला पत्र 31 मार्च 2023 को भेजा गया था, जिसकी पत्रांक संख्या 163 है। दूसरा- 18 अप्रैल-पत्रांक संख्या 180, तीसरा- 21 अप्रैल-पत्रांक 134, चौथा- 26 अप्रैल-पत्रांक 196, पांचवां- 28 जून-पत्रांक 246 एवं 8 सितंबर को पत्रांक संख्या 327 से छठवां आरोप पत्र भेजा गया था। इन सभी की जांच सिलसिलेबार की गई है। अंतिम निर्णय गृह विभाग के स्तर से लिया जाना है।

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