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कोरोना के बाद पटना के थानों में डेंगू ने पसारा पांव, एक दर्जन पुलिसकर्मी बीमार, महकमे में मचा हड़कंप

पटना के थानों में डेंगू ने पांव पसार दिया है। कई थानों के एक दर्जन से अधिक जवान और अधिकारी इसकी चपेट में हैं। दीघा के थानेदार मनोज सिंह, तीन अन्य जवान व अफसरों को डेंगू हो चुका है। वहीं, पीरबहोर के...

Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Sun, 22 Nov 2020 02:58 PM
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पटना के थानों में डेंगू ने पांव पसार दिया है। कई थानों के एक दर्जन से अधिक जवान और अधिकारी इसकी चपेट में हैं। दीघा के थानेदार मनोज सिंह, तीन अन्य जवान व अफसरों को डेंगू हो चुका है। वहीं, पीरबहोर के थानेदार रिजवान खान भी डेंगू की चपेट में हैं। पुलिस लाइन में तैनात कुछ जवानों को भी डेंगू का डंक लगा है। पहले कोरोना वायरस और अब डेंगू के डंक से पुलिस महकमा हलकान है। हाल ही में पुलिस लाइन के डीएसपी को भी कोरोना हो चुका था। डेंगू के मद्देनजर सभी थानों को सुरक्षित रहने के गाइडलाइंस जारी की गई है। किसी भी जवान की तबीयत खराब होने पर उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह अफसरों ने दी है। बीमार जवानों की छुट्टी को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

थानों में लगा है कचरे का अंबार
पटना के लगभग सभी थानों में कचरे का अंबार लगा है। सबसे ज्यादा कचरा मालखाना में रखे सामान और जब्त गाड़ियों के कारण है। इनमें मच्छर आसानी से पनप रहे हैं। इस कारण थानों में डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा हमेशा बना रह रहा है।

मच्छर भगाने वाली टिकिया बेअसर
रात के वक्त या दिन के समय थाने में रहने वाले मुंशी से लेकर ऑन ड्यूटी पदाधिकारी तक मच्छरों को भगाने वाली टिकिया का सहारा ले रहे हैं। हालांकि पुलिस वालों का कहना है कि क्वायल का मच्छरों पर कोई असर नहीं हो रहा। क्वायल जलाने के बावजूद मच्छर नहीं भाग रहे हैं।

फॉगिंग की जरूरत 
हालात को देखते हुए पटना के हरेक थाने में फॉगिंग की जरूरत महसूस की जा रही है। अगर हर रोज थानों में फॉगिंग नहीं हुई तो डेंगू का खतरा और बढ़ सकता है। अगर ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी बीमार होने लगे तो महकमे की परेशानी बढ़ेगी।

पहले भी डेंगू के चपेट में आ चुके हैं पुलिसवाले 
पटना में इससे पहले भी कई बार बड़ी संख्या में पुलिस वाले डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। पुलिस लाइन में भी डेंगू फैला था। वहींअलग-अलग थानों की पुलिस और थानेदार भी डेंगू की चपेट में आए थे। इस बार भी अगर शुरुआती दौर में ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती।

क्या कहते हैं डॉक्टर 
जेनरल फिजिसियन डॉ. विनय प्रसाद ने कहा कि सुबह के छह बजे और शाम तीन बजे डेंगू के मच्छर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव हमेशा होना चाहिए। मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। नारियल पानी पीयें। ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। पानी की कमी शरीर में न होने दें। 

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