कुवैत अग्निकांड के शिकार कालू के परिजनों को नहीं दी जा रही कोई जानकारी, इंटरनेशनल कोर्ट में केस दर्ज
पूर्व में कहा था कि डीएनए टेस्ट के बाद ही कालू के शव की शिनाख्त होगी। उस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। बता दें कि दरभंगा का कालू खान पिछले सात साल से कुवैत में रह रहा था
कुवैत अग्निकांड के शिकार हुए सदर प्रखंड के नैनाघाट इराकी मोहल्ले के कालू खान (25) के शव का इंतजार परिजन अब भी कर रहे हैं। शनिवार को भी परिजनों को कोई जोनकारी नहीं दी गयी। कंपनी के एचआर की ओर से परिजनों को बताया गया है कि अब तक शव की शिनाख्त नहीं हुई है। कालू के पड़ोसी सह माले नेता पप्पू खान ने कहा कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। कालू के शव को वे लोग अभी तक अपने पास ही रखे हुए हैं।
इससे पहले कंपनी के एचआर ने शनिवार को दो बजे के बाद बात करने के लिए कहा था। हम लोगों ने जब दो बजे के बाद एचआर से बात की तो कहा गया कि शव के पास हम लोगों को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट में केस हो गया है इसलिए वहां किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पप्पू ने कहा कि कालू की लाश वहां की पुलिस अपनी कस्टडी में रखे हुए है। पप्पू ने कहा कि हम लोग एम्बेसी के भी संपर्क में हैं, लेकिन वहां से भी अब तक स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं गया है। कालू का शव गांव आने अथवा इस संबंध में किसी ठोस जानकारी की हम लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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कंपनी के एचआर ने पूर्व में कहा था कि डीएनए टेस्ट के बाद ही कालू के शव की शिनाख्त होगी। उस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। बता दें कि कालू खान पिछले सात साल से कुवैत में रह रहा था। वह वहां एक मॉल में काम कर रहा था। गुरुवार को उसके परिजनों को कंपनी के एचआर ने सूचना दी कि कुवैत में हुई अगलगी की घटना में कालू की भी मौत हो गयी है। उसके बाद से परिजन उसके शव का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इस संबंध में अब तक कोई ठोस सूचना नहीं मिलने से वे लोग बेचैन हो रहे हैं। कालू की मां मदीना खातून ने कहा कि पता नहीं हम लोगों को कोई ठोस जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है। कालू के घर पर रिश्तेदारों का लगातार आना-जाना हो रहा है। सभी लोग परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे हैं।
कुवैत के मुंगाफ में बीते बुधवार को सुबह 4 बजे के लगभग छः मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई। किचन से निकली आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई। इसमें 50 लोगों की मौत हो गई जिनम 45 भारतीय थे। मरने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट ड्यूटी करके सो रहे थे। दम घुटने और जल जाने से उनकी मौत हो गई उनमें दरभंगा का कालू खान भी शामिल था। सेना की मदद से भारतीयों के शवों को भारत लाया जा रहा है। लेकिन कालू खान के परिजन अभी भी इंतजार में हैं।