नीतीश से गलती हुई, ललन सिंह ने भी मान; कहा- माफी मांग ली तो बंद हो विवाद, BJP को दी यह नसीहत
नीतीश कुमार ने विधानसभा में प्रजनन दर को लेकर अपनी बात कही थी। लेकिन कहने के क्रम में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया जो नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने माफी भी मांग ली हैं।
जनसंख्या नियंत्रण और पढ़ी लिखी लड़कियों द्वारा प्रजनन दर कंट्रोल करने को लेकर नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान पर सियासत का दौर जारी है। मुजफ्फरपुर में इसे लेकर परिवारद कराया गया है तो राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पर आपत्ति जताई है। इस विवाद को खत्म करने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पहल की है। उन्होंने कहा कि अब इस विवाद पर हो हल्ल बंद होना चाहि। हालांकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर करारा प्रहार भी किया है।
एक ओर जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार के बचाव में बयानबाजी कर रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह विवाद को शांत करने में लगे हैं। गुरुवार को भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी बायोलॉजी की किताब लेकर सदन में पहुंचे। किताब दिखाकर उन्होंने कहा कि सीएम ने जो कहा हुआ किताबों में लिखा है। दूसरी ओर नीतीश सरकार की महिला मंत्री लेसी सिंह ने भी मुख्यमंत्री का बचाव किया। इस बीच नीतीश कुमार ने बढ़ते विवाद को देखकक अपने बयान को वापस लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली।
अब ललन सिंह ने पहल शुरू की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए यह माना कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में प्रजनन दर को लेकर अपनी बात कही थी। लेकिन कहने के क्रम में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया जो नहीं होना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी गलती का तुरंत अहसास हुआ और उन्होंने 24 घंटे के भीतर सदन में भी और मीडिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से भी माफी मांगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद इस विषय पर हो हल्ला बंद हो जाना चाहिए था।
जदयू मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ललन सिंह ने भाजपा पर सवाल उठाए। कहा कि भारतीय जनता पार्टी को महिला सम्मान की बात करने का अधिकार नहीं है। हमने राज्य में महिलाओं के उत्थान के लिए कितना काम किया यह सब जानते हैं। मणिपुर की घटनाओं की याद दिलाते हुए कहा कि पूरे देश ने देखा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ कितनी बर्बरता की वारदातें हुईं। लेकिन बीजेपी ने उसे रोकने के लिए कोई ठोस काम नहीं किया।
बताते चलें कि बीते मंगलवार को बिहार विधानसभा में जातीय गणना के आर्थिक शैक्षणिक रिपोर्ट पर बयान देते हुए नीतीश कुमार ने लड़कियों और महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बात कह ही। उनके बयान से कई मंत्री भी हंसने और बगले झांकने लगे। बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर जमकर हंगामा किया। सीएम ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली तो बीजेपी ने कहा कि इससे काम नहीं चलेगा, उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। सीएम ने कहा था कि शादी के बाद लड़की अगर पढ़़ी लिखी नहीं रहती है तो बच्चे ज्यादा पैदा होते हैं। वहीं वह शिक्षित रहती तो प्रजनन दर को कंट्रोल करती है। लेकिन इस बात को सीएम ने ऐसे अंदाज में बताया कि बवाल हो गया।