भूमिहार हो, राजपूत हो, यादव या कोई और, बस दागी ना हो; कैबिनेट विस्तार से पहले लालू को नीतीश का संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार चाहते हैं कि इस बार कैबिनेट विस्तार के दौरान किसी भी दागी मंत्री को शामिल ना किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद की गुरुवार की शाम हुई मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा और तेज हो गई है। महागठबंधन दलों के सूत्र बताते हैं कि एक सप्ताह के अंदर मंत्रिमंडल का विस्तर हो सकता है। इसमें राजद और कांग्रेस के दो-दो सदस्य मंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार चाहते हैं कि इस बार कैबिनेट विस्तार के दौरान किसी भी दागी मंत्री को शामिल ना किया जाए।
मालूम हो कि कांग्रेस से अभी दो मंत्री हैं। इनके दो और मंत्री बनने की बात काफी दिनों से चल रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह भी कह चुके हैं कि कांग्रेस से और दो मंत्री बनेंगे। कांग्रेस से कौन मंत्री होंगे, इसको लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है। पटना से लेकर दिल्ली तक इसकी कवायद चल रही है। माना जा रहा है कि दो में एक जरूर सवर्ण होंगे। वहीं, राजद के दो मंत्री विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह शामिल हैं। इनकी जगह दो नए मंत्री बनेंगे।
वर्तमान में मुख्यमंत्री को लेकर जदयू के 13, राजद के 15, कांग्रेस के दो और एक जदयू समर्थित निर्दलीय मंत्री हैं। याद रहे कि जब 9 अगस्त 2022 को महागठबंधन की सरकार सूबे में बनी तो मुख्यमंत्री समेत कुल 33 माननीयों ने शपथ ली थी। इनमें जदयू के 12, राजद के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17, कांग्रेस के 2, जदयू समर्थित निर्दलीय एक और एक हम पार्टी से थे।
मंत्रिमंडल विस्तार में राजद तथा कांग्रेस से दो-दो नए मंत्री शामिल होते हैं तो यह संख्या 35 पहुंच जाएगी। बिहार विधानसभा के 243 सदस्य हैं और इनके 15 फीसदी यानी अधिकतम 36 सदस्यीय राज्य मंत्रिमंडल गठित किये जाने का प्रावधान है।