Hindi Newsबिहार न्यूज़Nitish Kumar kind to Chirag Paswan LJPR gets back Ram Vilas office Pashupati Paras had captured it

चिराग पासवान पर मेहरबान नीतीश, रामविलास वाला ऑफिस वापस मिला, पशुपति पारस ने किया था कब्जा

चिराग पासवान को अपने पिता दिवंगत रामविलास का पुराना पार्टी ऑफिस वापस मिल गया था, जिसपर लोजपा में टूट के बाद उनके चाचा पशुपति पारस ने कब्जा जमाया था। नीतीश सरकार ने अब यह कार्यालय LJPR को दे दिया है।

Jayesh Jetawat हिन्दु्स्तान, पटनाTue, 9 July 2024 09:02 AM
share Share

केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (एलजेपी-आर) के प्रमुख चिराग पासवान को अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान का पटना वाला पार्टी दफ्तर वापस मिल गया है। रामविलास के निधन के बाद चिराग के चाचा पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने लोजपा तोड़कर इस दफ्तर पर कब्जा कर लिया था। यहां पर पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) का ऑफिस चल रहा था। बिहार की नीतीश सरकार ने इसे अब चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को आवंटित कर दिया है। दो दिन पहले चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। 

बिहार के भवन निर्माण विभाग की ओर से पूर्व में लोजपा को दिए गए इस परिसर का आवंटन पहले ही रद्द किया जा चुका है। यह परिसर पटना एयरपोर्ट के पास शहीद पीर अली खान मार्ग पर स्थित आवास संख्या-1, व्हीलर रोड पर स्थित है। सोमवार को भवन निर्माण विभाग के उप सचिव ने चिराग पासवान की पार्टी को यह परिसर आवंटित करने के संबंध में कार्यालय आदेश जारी कर दिया। आदेश के अनुसार 4 जुलाई 2024 को लोजपा (रामविलास) की ओर से पार्टी कार्यालय के आवासीय परिसर के उपयोग के लिए अनुरोध किया गया था। 

केंद्रीय पुल के इस परिसर को सशर्त अस्थायी रूप से आवंटित किया गया है। बिना अनुमति के परिसर में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। वहीं, राजनीतिक पार्टियों की ओर से कार्यालय के लिए आवासीय भवन का मानक किराया से दस गुना किराया भुगतान करना होगा।

लोजपा में टूट के बाद से पारस गुट के पास था पटना ऑफिस, नीतीश सरकार ने खाली करवाया
लोजपा के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के निधन के बाद 2021 में उनकी पार्टी में टूट हो गई। रामविलास के भाई पशुपति पारस ने चार अन्य सांसदों को अपने साथ लेकर चिराग पासवान को अलग-थलग कर दिया था। इसके बाद रालोजपा और लोजपा रामविलास के रूप में दो दल बने, पहले की कमान चाचा पारस और दूसरे की भतीजे चिराग ने संभाली। टूट के बाद पशुपति पारस ने लोजपा के पटना स्थित पुराने दफ्तर पर भी कब्जा जमा लिया था। वहीं, चिराग पासवान के गुट को पटना में दूसरी जगह अपना नया ऑफिस खोलना पड़ा।

पिछले महीने नीतीश सरकार ने पशुपति पारस की रालोजपा को नोटिस जारी कर पटना वाला यह दफ्तर खाली करने को कहा। भवन निर्माण विभाग ने बताया कि इस दफ्तर का नवीनीकरण साल 2019 से लंबित है। नियमों के अनुसार राजनीतिक दलों को दो साल के लिए कार्यालय चलाने के लिए भवन आवंटित किया जाता है। अगर इसे आगे बढ़ाना है तो पार्टियों को हर बार रिन्यू कराना होता है। पशुपति पारस की ओर से व्हीलर रोड वाले दफ्तर को एक बार भी रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण उन्हें भवन खाली करना पड़ा, जिसे अब चिराग पासवान की पार्टी को आवंटित कर दिया गया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें