आवेदन के 15 दिन में रोजगार नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देगी नीतीश सरकार, कितना और कैसे जानिए
नीतीश सरकार मरनेगा के तहत काम न मिलने पर मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना लेकर आई है। राज्य कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल गई है। जानिए कितना बेरोजगारी भत्ता और कैसे मिलेगा।
बिहार सरकार बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने की योजना लेकर आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई। इसके तहत अगर किसी बेरोजगार युवा को मनरेगा के तहत आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर अगर रोजगार नहीं मिलता है तो राज्य सरकार उसे भत्ता देगी। आइए जानते हैं कि इस योजना के तहत युवाओं को कैसे और कितना बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।
मंत्रिमंडल के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि मनरेगा के तहत किसी भी आवेदक को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी होगी। यदि उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सकेगा तो उन्हें इसके बदले भत्ता मिलेगा। मगर इसके लिए मजदूर को रोजगार की मांग करते हुए आवेदन देना होगा। किसी आवेदक को उसके आवेदन की प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह भत्ता पाने के पात्र होंगे। नियमावली के मुताबिक पहले महीने में पात्र मजदूर को मनरेगा के तहत तय न्यूनतम दैनिक मजदूरी का एक चौथाई भत्ता दिया जाएगा। अगर एक महीने बाद भी उसे काम नहीं मिलता है तो उसे दैनिक मजदूरी का आधा हिस्सा भत्ते के रूप में दिया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस साल मार्च महीने में मरनेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी की राशि में संशोधन किया था। यह राशि विभिन्न राज्यों के लिए अलग-अलग है। इसके मुताबिक मरनेगा मजदूरी में 3 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। बिहार में मनरेगा मजदूरों के मेहनताने में 8 फीसदी का इजाफा हुआ था। अभी बिहार में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों को 228 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है।
इस आधार पर देखें तो पहले एक महीने में काम न पाने वाले बेरोजगार मजदूरों को 57 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। वहीं, एक महीने बाद बेरोजगार रहने पर पंजीकृत मजदूरों को 114 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भत्ता दिया जाएगा। बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या होगी, इस बारे में सरकार की ओर से विस्तार से जानकारी साझा की जाएगी।