केके पाठक पर नए शिक्षा मंत्री और चंद्रशेखर के बीच मतभेद, आलोक मेहता ACS के मुरीद
आलोक मेहता ने अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की भी जमकर तारीफ की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केके पाठक अनुशासन प्रिय पदाधिकारी हैं। इन्होंने राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई में अनुशासन बहाल किया।
आलोक मेहता ने बिहार के नए शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया है। सोमवार को आलोक मेहता अपने कार्यालय में पहुंचे जहां पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भी अपने नए शिक्षा मंत्री का अभिनंदन किया। नीतीश सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे आलोक मेहता प्रोफेसर चंद्रशेखर के स्थान पर शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं। प्रोफेसर चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग का जिम्मा दिया गया है। आलोक मेहता के पुराने विभाग का जिम्मा सीएम नीतीश कुमार ने दिलीप यादव को दिया है।
पदभार ग्रहण करने के बाद आलोक मेहता ने शिक्षा मंत्रालय जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा बिहार के शिक्षा व्यवस्था को ठीक रखने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। इस मौके पर उन्होंने डिप्टी सीएम और अपनी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव का भी आभार जताया। शिक्षा मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में विगत कुछ महीनो में काफी सकारात्मक बदलाव हुए हैं, उन्हें और सुदृढ़ करने का प्रयास करेंगे।
आलोक मेहता ने अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की भी जमकर तारीफ की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केके पाठक अनुशासन प्रिय पदाधिकारी हैं। इन्होंने राज्य भर के स्कूलों का दौरा कर पढ़ाई में अनुशासन के महत्व को न सिर्फ बताया बल्कि उसे जमीन पर उतरा भी। इनके कार्यकाल में विद्यालय समय पर खुलने लगे और शिक्षक भी आने लगे। बच्चों की उपस्थिति भी बहुत बढ़ गई। उन्होंने उम्मीद जताया कि भविष्य में भी पाठक ऐसे ही काम करते रहेंगे।
इससे पहले शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की अपने अपर मुख्य सचिव से कभी नहीं बनी। दोनों के बीच हमेशा विवाद और टकराव की स्थिति बनी रही। प्रोफेसर चंद्रशेखर के आप्त सचिव ने जब एसीएस के खिलाफ पीत पत्र लिखा केके पाठक ने न सिर्फ पत्र का जवाब दिया बल्कि उनके ऑफिस आने पर रोक लगा दी। इस वजह से चंद्रशेखर काफी समय तक अपने ही कार्यालय से दूर रहे। जहां तहां भाषणों में उन्होंने कई बार केके पाठक के कार्यों की आलोचना की। मंत्री अशोक चौधरी ने रविवार को यहां तक कहा कि शिक्षा मंत्री रहते चंद्रशेखर का अपने सचिव से कभी समन्वय नहीं रहा जिससे सरकार की छवि पर बुरा असर पड़ा। शायद इसीलिए उनकी छुट्टी हो गई। आलोक मेहता सब कुछ जानते हुए भी केके पाठक की तारीफ करते नजर आए।
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अचानक अपने तीन मंत्रिमंडल सहयोगियों के विभाग बदल दिया। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को हटाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गन्ना विकास विभाग में भेज दिया। चंद्रशेखर की जगह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोग मेहता को बिहार का शिक्षा मंत्री बना दिया। शिक्षा मंत्री बनने के बाद आलोक मेहता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का आभार जताया है। शिक्षा मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी मिली है इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हम पर भरोसा किया। बिहार में पिछले दिनों लाखों शिक्षकों की बहाली हुई, जो एक क्रांतिकारी निर्णय था। बिहार ही नहीं बल्कि देश की जनता मान रही है कि बिहार में इतने बड़े पैमाने पर नौकरियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्री रहते विभाग में शिक्षा की बेहतरी के लिए काम होंगे और पढ़ाई कर रहे बच्चों की सुविधाओं में इजाफा होगा।