Hindi Newsबिहार न्यूज़nitish government is building new jails in these districts 18 thousand 500 people are imprisoned under this law

बिहार: इन जिलों में नई जेल बना रही है नीतीश सरकार, इस कानून के तहत कैद हैं 18 हजार 500 लोग

बिहार विधान परिषद में प्रभारी गृह मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि अपराध के बाद अगर कार्रवाई होगी तो जेल में बंदियों की संख्या बढ़ेगी। अभी दो साल से कोर्ट भी पूरी तरह काम नहीं कर रहे था। ऐसे में बेल पर...

Sneha Baluni हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 11 March 2022 08:00 AM
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बिहार विधान परिषद में प्रभारी गृह मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि अपराध के बाद अगर कार्रवाई होगी तो जेल में बंदियों की संख्या बढ़ेगी। अभी दो साल से कोर्ट भी पूरी तरह काम नहीं कर रहे था। ऐसे में बेल पर छूटने वालों की संख्या कम हुई तो जेल पर दबाव बढ़ा है। सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। मंत्री गुरुवार को संजय कुमार सिंह के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। 

उन्होंने कहा कि राज्य की जेलों में 31 दिसंबर तक 51 हजार 934 बंदी थे, जबकि इन जेलों की क्षमता 45 हजार 862 ही है। इस अवधि तक मद्य निषेध कानून के तहत बंदियों की संख्या 18 हजार 500 है। मंत्री ने कहा कि जेलों की क्षमता बढ़ाने के लिए भभुआ में 426, जमुई में 1030 क्षमता के और औरंगाबाद में नए जेल बनाये गये हैं। अरवल में 558 और पालीगंज में 535 कैदियों की क्षमता वाले जेल का निर्माण भी चल रहा है। 

इसके अलावा निर्मली में 500 कैदियों की क्षमता की जेल के लिए जमीन मिल गई है। इसका एस्टीमेट बनाया जा रहा है। साथ ही नये अनुमंडल राजगीर, रजौली, मढौरा, महाराजगंज, हथुआ, चकिया, पकड़ी दयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में भी एक-एक हजार क्षमता की जेल बनाने का फैसला हुआ है। दरभंगा में 772, छपरा में 132, सहरसा में 158 पुरुष और 50 महिला व बेनीपुर में 158 कैदियों वाला नया बंदी कक्ष बनाने का फैसला हुआ है।

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