नीतीश कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस कायम, मंत्रियों के नामों पर नहीं बन पा रही सहमति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार कब होगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। आरजेडी और कांग्रेस कोटे से दो-दो मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार कब होगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। महागठबंधन में शामिल आरजेडी और कांग्रेस कोटे से दो-दो मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दोनों पार्टियों की ओर से मंत्रियों के नाम पर अभी तक मुहर नहीं लगी है और कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी का भी कारण यही है। खबर तो यहां तक है कि मंत्री बनने के लिए कई नेता दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस फार्मूले पर विचार कर रही है कि दो मंत्रियों में से एक मंत्री सवर्ण जाति का और दूसरा पिछड़ा वर्ग जाति का हो, ताकि जातिगत समीकरणों को संतुलित किया जा सके। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस की ओर से जिन नामों की चर्चा है, उनमें पार्टी के वरिष्ठ विधायक विजय शंकर दुबे, और एमएलसी मदन मोहन झा, मुजफ्फरपुर से विधायक बिजेंद्र चौधरी प्रमुख हैं। आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि कांग्रेस की ओर से अभी तक मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है, जिसके कारण से कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है।
इस बीच मंगलवार को कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा है कि बिहार मंत्रिमंडल में जेडीयू की ओर से दो महिला मंत्री और आरजेडी की ओर से एक महिला मंत्री हैं। ऐसे में अब जब मंत्रिमंडल विस्तार की बात चल रही है तो कांग्रेस पार्टी की ओर से कम से कम एक महिला विधायक को मंत्री बनाया जाए। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस ने अपने मंत्री पद के उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए हैं, जिसकी वजह से कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, हमाारी पार्टी से जब भी नाम मांगे जाएंगे, दे दिया जाएगा और हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जल्द ही कैबिनेट विस्तार हो जाएगा।
वहीं महागबंधन के सूत्रों का कहना है कि आरजेडी भी जातिय समीकरण को ध्यान में रखते हुए एक भूमिहार और दूसरा राजपूत जाति से मंत्री बनाए जाने के फॉर्मूले पर विचार कर रही है। आरजेडी कोटे से जिन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें शिवहर से विधायक चेतन आनंद (पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे), विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबलू सिंह, पूर्व मंत्री और एमएलसी कार्तिक कुमार हैं।
इस बीच खबर है कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, जो कि राजपूत नेता हैं और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी हैं, मंत्री पद के लिए एक राजपूत विधायक के नाम को अंतिम रूप देने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। क्योंकि माना जा रहै कि जिस तरह से उनके बेटे सुधाकर सिंह को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था, उसे लेकर अभी तक उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है। आरजेडी के एक नेता ने कहा है कि नामों को तय करना एक कठिन काम साबित हो रहा है और साथ ही कुछ मजबूरियां भी हैं। वहीं आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और यह तब होगा जब मुख्यमंत्री फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है।