चला केके पाठक का डंडा; सुपौल में 9 हेडमास्टर पर गिरी गाज, क्या हुई थी गलती, जानें
केके पाठक का आदेश पालन नहीं करने पर 9 हेडमास्टरों पर गाज गिरी है। शौचालय निर्माण नहीं कराने पर डीपीओ ने जिले के 9 एचएम को निलंबित करने की अनुशंसा की है। सभी पर विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। नि मेहनत कर रहे हैं। स्कूलों का निरीक्षण कर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ छात्र छात्राओं के लिए सभी सुविधाएं बहाल करने के लिए निर्देश दे रहे हैं। लेकिन, अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे टीचर हैं जिनपर केके पाठक का आदेश बेअसर है। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी के तहत सुपौल में 9 हेडमास्टर पर कार्रवाई का डंडा चला है।
सुपौल में केके पाठक का आदेश पालन नहीं करने पर 9 हेडमास्टरों पर गाज गिरी है। शौचालय निर्माण नहीं कराने पर एसएसए डीपीओ ने जिले के 9 एचएम को निलंबित करने की अनुशंसा की है। सदर प्रखंड सुपौल में चार स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित करने की अनुशंसा की गई है है। वहीं राघोपुर प्रखंड में दो और छातापुर प्रखंड में भी दो प्रधानाध्यापक को निलंबित करने की अनुशंसा की गई है। मरौना प्रखंड में एक एचएम को शौचालय निर्माण नहीं करने पर निलंबित करने की अनुशंसा की गई है। साथ ही सभी एचएम पर विभागीय कार्रवाई के लिए भी विभाग से अनुशंसा की गई है।
राज्य परियोजना निदेशक के पत्र के मुताबिक जिले में भवन निर्माण कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। पिछले सप्ताह समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में पूरे राज्य की प्रगति औसतन 60.55 थी जबकि सुपौल की प्रगति मात्र 38.86 प्रतिशत आंकी गई। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी और समग्र शिक्षा परियोजना के अभियंता को कड़ी चेतावनी दी गई।
सरकारी विद्यालय में शौचालय निर्माण, वर्गकक्ष का निर्माण कार्य के लिए राशि आवंटित की गई थी। इस राशि से स्कूल में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण किया जाना था। विभाग का मानना है कि स्कूल में शौचालय नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बेहद कम रहती है। जिला शिक्षा विभाग की तरफ से शौचालय निर्माण के लिए कई बार कहा गया। लेकिन एचएम की उदासीनता के कारण निर्माण कार्य अब तक शुरू भी नहीं हुआ।
राज्य परियोजना निदेशक के पत्र के मुताबिक 30 दिसंबर तक निर्माण करने का लक्ष्य दिया गया है। तय समय तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर विभाग के पदाधिकारियों पर भी गाज गिरना तय था। आखिरकार विभाग ने 9 प्रधानाध्यापक को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीनिया, प्राथमिक विद्यालय घोरे राघोपुर, प्राथमिक विद्यालय अमहा चौघारा, कन्या प्राथमिक विद्यालय ब्रह्मपुर के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। छातापुर प्रखंड में मध्य विद्यालय कहड़वाना और प्राथमिक विद्यालय कनचीरा के एचएम हैं। राघोपुर प्रखंड में उच्च माध्यमिक कन्या विद्यालय मोतीपुर और उर्दू मध्य विद्यालय बौराहा के एचएम को निलंबित कर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। मरौना प्रखंड के एक स्कूल उच्च माध्यमिक विद्यालय सिमराहा के एचएम को शौचालय व अन्य निर्माण कार्य नहीं करने पर निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।