शिक्षक भर्ती में घपले की नई आहट, सक्षमता परीक्षा के बाद सैकड़ों शिक्षक पेपर जांच से गायब, एक रोल नंबर वाले कई टीचर
इन शिक्षकों को मूल कागजात के साथ मुख्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। लेकिन संदिग्ध शिक्षक अपने कागजात के साथ जांच के लिए उपस्थित नहीं रहे हैं। गायब शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।
बिहार शिक्षा विभाग द्वारा नियोजि शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया। लेकिन इसमें शामिल होने वाले सैकड़ों नियोजित शिक्षक सर्टिफिकेट जांच से गायब हैं। मुख्यालय में गठित टीम ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों को ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है। जिलों को स्कूल में उनकी उपस्थिति देखने को कहा गया है। जांच से गायब शिक्षकों के फर्जी होने की आशंका है। सक्षमता परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच में टीईटी के एक रोल नंबर पर दो अभ्यर्थियों के अलग-अलग जिलों में नौकरी करने का मामला आया था।
सूबे में लगभग 600 शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। इन शिक्षकों को मूल कागजात के साथ मुख्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। दूसरे स्तर की जांच में 53 शिक्षकों को औपबंधिक क्लीन चिट मिली है। अब तक 100 से अधिक अभ्यर्थियों को औपबंधिक क्लीन चिट मिल चुकी है। अभी 53 शिक्षकों की सूची मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों को भेजी गई है। जिला स्तर से एक बार और जांच कराने का आदेश मिला है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो। राज्यस्तरीय जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि एक रॉल नंबर के दो शिक्षक जो चिन्हित किए गए थे, उनमें जो शिक्षक जांच में आए उनके कागजात दो स्तर की जांच में सही मिले हैं, उन्हें औपबंधिक क्लीन चिट दी गई है। पूरी तरह क्लीन चिट नहीं मिली है।
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डीईओ की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा निर्णय
जांच टीम में शामिल अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों को सर्टिफिकेट जांच से गायब शिक्षकों की सूची भेजी गई है। ये शिक्षक स्कूल में हैं या नहीं, इसकी जांच डीईओ करेंगे। इनका सर्टिफिकेट जिले में भी है, उसकी जांच भी की जाएगी। डीईओ की रिपोर्ट पर ही निर्णय लिया जाएगा। अगर स्कूल से शिक्षक गायब मिलते हैं तो उनके फर्जी होने पर मुहर लग जाएगी। ये शिक्षक न जांच में आए हैं और न ही स्कूल में हैं तो यह माना जाएगा कि ये फर्जी हैं।
सर्टिफिकेट देख अधिकारी भी रह गये भौचक्क
जांच के दौरान एक ही रोल नंबर पर बहाल दोनों शिक्षक जब टीईटी ही नहीं मैट्रिक और इंटर के भी एक ही सर्टिफिकेट लेकर आ गए तो अधिकारी भी भौचक्क रह गये। दोनों अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी एक ही थे। ऐसे 50 से अधिक अभ्यर्थी धरे गए हैं। जिले के आधा दर्जन शिक्षक इसमें पकड़ाए हैं।
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