मंगल पांडे के स्वास्थ्य विभाग में अमंगल! सदर अस्पताल में टूटे टेबल पर जंग लगे उपकरणों से मरीजों का ऑपरेशन
एमसीएच के डॉक्टर और पारामेडिकल कर्मियों ने बताया कि ओटी लाइट की कम रोशनी होने के कारण ऑपरेशन के बाद मरीज को टांका लगाने में काफी परेशानी होती है। एमसीएच में प्रसव वाली महिलाओं का ऑपरेशन होता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे राज्य के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त और बेहतर इलाज का दावा करते हैं। मुजफ्फरपुर सदर में उनके दावों की पोल खुल रही है। अस्पताल से लेकर मातृ शिशु अस्पताल (एमसीएच) तक पुराने टेबल और जंग लगे उपकरणों से मरीजों का आपरेशन हो रहा है। मेडिकल कॉलेज में ऑर्थो और कैजुएल्टी ऑपरेशन थिएटर के सामान पुराने हो चुके हैं। ऑर्थो ओटी में पुराने सामान के कारण डॉक्टरों को ऑपरेशन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के एमसीएच में सीलिंग टूटकर गिरने के बाद से एक ओटी में ऑपरेशन बंद है। डेढ़ महीने बीतने के बाद भी सदर अस्पताल प्रबंधन बंद पड़े ओटी को ठीक नहीं करा सका है। एमसीएच की दूसरी ओटी में लगे दो टेबल में से एक से काम हो रहा है। एक टेबल की ओटी लाइट नहीं है। दूसरे टेबल पर भी लाइट की रोशनी बहुत कमजोर है।
एमसीएच के डॉक्टर और पारामेडिकल कर्मियों ने बताया कि ओटी लाइट की कम रोशनी होने के कारण ऑपरेशन के बाद मरीज को टांका लगाने में काफी परेशानी होती है। मालूम हो कि एमसीएच में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं का ऑपरेशन किया जाता है।
क्या है सिविल सर्जन का जवाब?
सदर अस्पताल के ओटी में क्या समस्या है, इसके बारे में अस्पताल प्रबंधक से जानकारी ली जा रही है। जल्द ही ओटी में सारी व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी। मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाएगी। -डॉ. अजय कुमार, सिविल सर्जन।
मेडिकल के ऑर्थो ओटी में कई औजार हो चुके पुराने
एसकेएमसीएच की ऑर्थो ओटी में कई औजार पुराने हो चुके हैं। इससे ऑपरेशन करने में दिक्कत होती है। ऑर्थो ओटी में ऑपरेशन के दौरान एक्सरे देखने वाली मशीन सी आर्म मशीन खराब है। ओटी टेबल भी खराब है। उपकरण के लिए महीनों पहले मुख्यालय को डिमांड भेजी गई, लेकिन अब तक सामान नहीं आया है। कैजुअल्टी ओटी में उपकरण पुराने हो जाने से गंभीर मरीजों के ऑपरेशन में दिक्क्त आ रही है।
मेल ओटी में भी टेबल खराब, ऑपरेशन के कई उपकरण भी नहीं हैं उपलब्ध
सदर अस्पताल की मेल ओटी में ऑपरेशन टेबल खराब है। यह टेबल दशकों पुराना है। डॉक्टरों ने बताया कि इस ऑपरेशन टेबल पर ऑपरेशन करने में बहुत परेशानी होती है। इसके अलावा ओटी लाइट जिस तार के सहारे लटका है, वह भी जर्जर हो चुका है। ओटी की छत का प्लास्टर गिरता है। पानी की किल्लत है। ऑपरेशन थियेटर में बेहोश करने वाली एक ही मशीन है, जिससे काम चलाया जा रहा है। ऑपरेशन करने के औजार सीजर, एलिस फोरसेप पुराने हो चुके है। ऑपरेशन के लिए सार्प कर्व निडिल नहीं है। सदर अस्पताल के ओटी में ड्रेसर नहीं हैं। ओटी कर्मी ही ड्रेसिंग करते हैं।