नो वर्क नो पे छुट्टी पर बीएसएफ इंसपेक्टर ने शुरू किया ID दिखाकर कमाई का गोरखधंधा, पुलिस ने खोला राज
आलोक कुमार ने पहले अपनी पहचान नहीं बताई लेकिन बाद में अपने आईकार्ड को दिखाकर उसने पुलिस को प्रभावित करने की कोशिश की। आलोक कुमार सादे कपड़ों में था और उसने दावा किया कि शराब उसके बीएसएफ कोटे की थी।
शराबबंदी वाले बिहार में शराब तस्करी के अनूठे मामले देखने और सुनने को मिलते रहते हैं। इस बीच किशनगंज में स्थानीय पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने बीएसएफ इंस्पेक्टर को शराब की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आलोक कुमार रविकर के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार आलोक कुमार पिछले एक वर्षों ने अनपेड लीव पर था। जब उसे हिरासत में लिया गया तो पहले तो उसने अपनी पहचान नहीं बताई लेकिन बाद में अपना आईकार्ड दिखाकर पुलिस टीम पर अपनी धौंस दिखाने की कोशिश की और दावा करते हुए कहा कि जो शराब उसके पास से बरामद की गई है वो बीएसएफ कोटे की है। आलोक कुमार कटिहार के बरारी का रहने वाला है और वह बीएसएफ में तैनात था। पुलिस ने उसके पास से विभिन्न ब्रांड के 106 लीटर विदेशी शराब, 32 बोर का लईसेंसी पिस्टल, 8 राउंड गोली, विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, एक मोबाईल, एक किविड कार और 2126 रुपया नगद बरामद किया है।
उत्पाद विभाग व पुलिस की टीम गुप्त सूचना के आधार पर बिहार बंगाल सीमा पर रामपुर चेकपोस्ट के पास जांच अभियान चला रही थी। इसी क्रम में ब्लू रंग की एक कार को रोका गया। कार के आगे सीएपीएफ लिखा हुआ एक बोर्ड लगा हुआ था। कार वहां नहीं रुकी। इसके बाद उत्पाद विभाग और सदर थाना पुलिस की टीम ने उसे खदेड़ कर कदम रसूल पावरग्रिड के पास रुकवाया और उसकी जांच में कार में भारी मात्रा में शराब शराब बरामद किया गया।
बीएसएफ इंस्पेक्टर की पिस्टल का लाइसेंस होगा रद्द
शराब लाये जाने के मामले में पकड़े गए बीएसएफ इंस्पेक्टर के विरूद्ध पुलिस की जांच शुरू कर दी गई। इस मामले में उसे लाइसेंसी पिस्टल के साथ पकड़ा गया था। पिस्टल के लाइसेंस को जिस जिले से निर्गत किया गया था। उक्त लाइसेंस को रद्द किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारी के पास किशनगंज पुलिस के द्वारा पत्राचार किया जा रहा है। किशनगंज एसपी डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि बीएसएफ से एक डेढ़ वर्षो से अवकाश में रह रहे एक कर्मी को शराब व पिस्टल के साथ पकड़ा गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि गलत कार्य में हथियार का इस्तेमाल किया जा सकता है। जो कानून अपराध की श्रेणी में आ सकता है। इसे लेकर उक्त हथियार के लाइसेंस को रद्द किए जाने को लेकर संबंधित जिले के डीएम को पत्राचार किया जा रहा है।
पूछताछ में आलोक ने बताया कि वह आसानी से एक साल से शराब तस्करी का धंधा कर रहा था। रामपुर चेकपोस्ट के जरिए आराम से शराब की सप्लायी कर कटिहार में बेचता था। पुलिस रोकटोक नहीं करती थी। वहीं उच्च पद पर तैनात अधिकारी के द्वारा इस प्रकार का गलत कारोबार करने के मामले के खुलासा होने के बाद हर कोई हैरान है। विभागीय अधिकारी भी सकते में है। पुलिस को आशंका है कि जब्त शराब हटवार के पास किसी लाइन होटल से लाया जा रहा था। पुलिस इस मामले में भी गहराई से पड़ताल कर रही है। जिस स्थान से शराब लाया जा रहा था, वहां के बारे में भी पुलिस स्प्ष्ट रूप से पता लगा रही है। जांच के बाद कई मामलों से पर्दा उठ सकता है।
शराब तस्कर बीएसएफ कर्मी की कुंडली खंगाली
बंगाल के लाइन होटल से शराब लाये जाने के मामले की जांच के लिए किशनगंज पुलिस बंगाल पुलिस से संपर्क साध रही है। 11 मार्च 106 लीटर शराब के साथ पकड़े गए बीएसएफ कर्मी के विरूद्ध जो प्राथमिकी दर्ज की गई है। दर्ज प्राथमिकी में बंगाल के एक होटल से शराब लाये जाने की बात सामने आयी है। इसी की जांच के लिए किशनगंज पुलिस बंगाल पुलिस से संपर्क साध रही है। पुलिस इस मामले में बंगाल से बिहार शराब ले जाये जाने की बिंदु पर भी जांच करेगी। इस मामले में पुलिस यह भी जांच करेगी की पकड़ा गया व्यक्ति इससे पहले कब-कब शराब को बिहार में ले जा चुका है। किस स्थान से शराब लाता था और बिहार में कहां-कहां ले जाया जाता था।
एसपी डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति के शराब कारोबार में संलिप्तता की जांच शुरू कर दी गई है। कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। पकड़ा गया कर्मी इतना शातिर था कि उसने अपने पास विभिन्न बैंकों का 10 एटीएम रखा था। जिससे वह जहां से शराब लेता था वहां अलग अलग एटीएम से रुपये ट्रांसफर कर देता था। जिससे उसके विभाग को भी पता न चले। पुलिस उन सब एटीएम की जांच करेगी की किस खाते में कितना रुपया ट्रांसफर किया गया है। एसपी ने कहा कि एक होटल से शराब लाये जाने के मामले की जांच के लिए इस्लामपुर एसपी को पत्राचार किया जा रहा है।