उफान पर कोसी, गंडक, बागमती; बिहार के 7 जिलों पर बाढ़ का खतरा, दर्जनों गांवों हुए जलमग्न
बिहार की कई नदियां उफान पर हैं। जिसके चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया। सात जिलों के निचले हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कटाव का खतरा मंडराने लगा है।पूर्वी चंपारण में युवती की मौत हो गई।
गंडक, कोसी, बागमती और महानंदा नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण उत्तर व पूर्वी बिहार के सात जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। हालांकि कोसी और गंडक के जलस्तर में सोमवार को कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। लेकिन, इससे कटाव का खतरा मंडरा रहा है। पूर्वी चंपारण के केसरिया के काढ़ान गांव में बाढ़ के पानी में डूबने से नीतू नामक युवती की मौत हो गई। घर के पीछे बाढ़ के पानी में नहाने के दौरान वह डूब गई थी।
पश्चिम और पूर्वी चंपारण के एक दर्जन से अधिक गांवों में गंडक का पानी घुस गया है। कई जगहों पर सड़कों पर दो फीट तक पानी बह रहा है। पश्चिम चंपारण के योगापट्टी प्रखंड के करीब दो सौ परिवार गंडक में आई बाढ़ से घिरे हैं। इसके अलावा वाल्मीकिनगर के चकदहवा, झंडू टोला, कैलाशनगर और मधुबनी प्रखंड में गंडक का पानी फैल गया है। पूर्वी चंपारण के केसरिया के आधा दर्जन स्कूलों के बाढ़ से घिर जाने के कारण पढ़ाई ठप हो गयी है। कई जगह सड़कों पर आवागमन भी ठप है। ढेकहा पंचायत के कई टोलों का सड़क संपर्क भंग हो गया है।
कोसी का पानी फैल जाने से दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की चार पंचायतों की करीब 10 हजार की आबादी और मधुबनी में मधेपुर के दर्जनभर गांवों के लोग प्रभावित हैं। उधर, गोपालगंज जिले में गंडक में पूरे उफान पर है और सदर प्रखंड के पांच गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए चेतावनी जारी की गई है। हालांकि सोमवार को गंडक के जलस्तर में गिरावट शुरू हो गई है। सोमवार को वाल्मीकिनगर बराज से 2.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
भागलपुर जिले में गंगा व कोसी और कटिहार में महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि सुपौल जिले में कोसी के जलस्तर में कमी हो रही है। सोमवार को कोसी नदी का जलस्राव 3 लाख 93 हजार क्यूसेक से घट कर 2 लाख 61 हजार क्यूसेक हो गया।