Hindi Newsबिहार न्यूज़KK Pathak vigilent on bench desk of schools Engigeers will asses quality of tools Rs 200 crore expance

केके पाठक की नजर अब स्कूलों के बेंच डेस्क पर, होगा यह काम; आखिर 200 करोड़ का सवाल जो है

बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच स्कूल के प्रधानाध्यापक की मौजूदगी में जूनियर इंजीनियर करेंगे। जांच रिपोर्ट पर इंजीनियर और प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर होंगे यह रिपोर्ट जिला शिक्षा ऑफिस में जाएगी।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाMon, 5 Feb 2024 09:36 AM
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बिहार के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पठन पाठन के स्तर में व्पापक सुधार और व्यवस्था को ठीक करने लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक दिन रात पसीना बहा रहे हैं। अब स्कूलों में आपूर्ति हो रहे बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी।  प्रखंड के जूनियर इंजीनियर यह काम करेंगे करेंगे। इस बाबत शिक्षा विभाग ने जिलों को आदेश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि स्कूलों में एजेंसी के माध्यम से बेंच-डेस्क की आपूर्ति हो रही है, उसकी गणना कराएं और तय मानक के अनुरूप गुणवत्ता भी देखें। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी विभाग ने मांगी है। बता दें कि ्स्कूलों में बेहतर क्वालिटी का बेंच डेस्क उपलब्ध कराने के लिए नीतीश सरकार 200 करोड़ खर्च कर रही है।

शिक्षा विभाग ने कहा है कि बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच स्कूल के प्रधानाध्यापक की मौजूदगी में जूनियर इंजीनियर करेंगे। इसके बाद जांच रिपोर्ट पर इंजीनियर और प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर होंगे। इसके बाद यह रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय में जमा की जाएगी। जिलों को यह भी निर्देश है कि वह प्रधानाध्यापक को आदेश करें कि स्कूलों में बेंच-डेस्क की संख्या स्टॉक पंजी में दर्ज करें। स्कूल में पूर्व से उपलब्ध और नए बेंच-डेस्क का रिकॉर्ड अलग-अलग रखा जाएगा। हर स्कूल की रिपोर्ट विभाग में प्राप्त होने के बाद, यह संख्या प्राप्त होगी कि किसे और कितने बेंच-डेस्क की जरूरत है।

दो सौ करोड़ खर्च किए जा रहे 

मालूम हो कि विभाग की ओर से बेंच-डेस्क की खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये स्कूलों को दिये गये हैं। हर स्कूल को अभी अधिकतम एक सौ बेंच-डेस्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। हर बेंच-डेस्क पर तीन विद्यार्थी बैठ सकेंगे। छोटे बच्चे चार भी बैठ सकते हैं। जल्द ही विभाग और अधिक राशि जिलों को इस मद में जारी करेगा।

सतत निगरानी के बाद छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि

प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य के सरकारी स्कूलों की सतत निगरानी के बाद छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में काफी वृद्धि हुई है। इससे कई स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच-डेस्क उपलब्ध नहीं हैं। बेंच-डेस्क की कमी से बच्चे नीचे दरी पर बैठने को विवश होते हैं। विभाग का निर्णय है कि एक भी बच्चा स्कूल में नीचे नहीं बैठे, इसको देखते हुए बड़ी संख्या में बेंच-डेस्क की खरीद की जा रही है। हर स्कूल में उपलब्ध बेंच-डेस्क का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण इसकी समीक्षा में परेशानी हो रही है। इसको देखते हुए उक्त निर्देश दिए गए हैं।
 

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