झंझारपुर कोर्ट प्रकरण: नौ वकील समेत 20 का बयान दर्ज, थानेदार के दो फर्द बयान, कार्रवाई में टाल मटोल
झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे अविनाश कुमार के साथ हुई हाथापाई मामले की जांच के लिए झंझारपुर पहुंचे दरभंगा के आयुक्त डॉ मनीष कुमार एवं आईजी अजिताभ कुमार ने घटना के दिन मौजूद लोगों से बंद कमरे...
झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे अविनाश कुमार के साथ हुई हाथापाई मामले की जांच के लिए झंझारपुर पहुंचे दरभंगा के आयुक्त डॉ मनीष कुमार एवं आईजी अजिताभ कुमार ने घटना के दिन मौजूद लोगों से बंद कमरे में बारी—बारी से पूछताछ की। इस प्रकरण में नौ अधिवक्ताओं समेत 20 लोगों का बयान दर्ज किया गया।
अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष अरुण कुमार झा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता बलराम शाह के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि हमें किसी प्रकार की कोई नोटिस नहीं दी गई थी। हमें फोन कर के बुलाया गया। हमने बताया कि मैंने देखा कि एडीजे को चोट लगी थी। अन्य बातें जो मैंने बताईं, वह रिकॉर्ड में है। अधिवक्ता बलराम शाह ने बताया कि घटना के संबंध में जो भी जानकारी थी विस्तार से बताई। सबसे पहले नगर पंचायत के जेई दीपक राज का बयान वीडियो रिकॉर्ड किया गया। एपीपी इंद्र कांत प्रसाद एवं देव शंकर झा का भी बयान लिया गया। एपीपी देव शंकर झा ने बताया कि हल्ला सुनने के बाद वे एडीजे कोर्ट में पहुंचे थे। उस समय एडीजे कोर्ट में लगभग 25 से 30 लोग मौजूद थे। बहुत तेज आवाज सुनकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग छोड़ कर पहुचे थे।
आयुक्त मनीष कुमार ने बताया कि जांच की जांच रही है। अभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी मामले की जानकारी दी जाएगी।
फर्दबयान पर अब तक कार्रवाई नहीं
पुलिस कस्टडी में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत थानेदार गोपाल कृष्ण का फर्दबयान लिए हुए 72 घंटे से ज्यादा समय बीत चुके हैं लेकिन अब तक उस फर्दबयान पर अग्रेतर कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। थानेदार के बयान पर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई या नहीं इसपर न तो झंझारपुर पुलिस कुछ बोल रही है। और न ही एफआईआर की कॉपी ही अब तक कोर्ट भेजी गयी है। पूछने पर पुलिस के हर अधिकारी दो दिन से टाल मटोल का रवैया अपना रहे हैं।
झंझारपुर के डीएसपी आशीष आनन्द फर्दबयान झंझारपुर पुलिस को मिल जाने की बात को स्वीकारते हैं लेकिन इसके आगे कार्रवाई को लेकर फिलहाल कुछ भी बताने से मना कर दिया है।
यहां बता दें कि थानेदार द्वारा दिए गए फर्दबयान को लेकर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है या कर रही है इसकी जानकारी की उत्सुकता हर वर्ग के लोगों में हैं। ज्यादा कोर्ट के कुछ कर्मी के अलावा यह उत्सुकता उस वक्त से ज्यादा बढ़ गयी है जबसे थानेदार गोपाल कृष्ण का अलग अलग दो फर्दबयान होने की बात फैली है।
इस बीच झंझारपुर पुलिस ने 18 नवम्बर को एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के हिरासत में लिए गए दोनो नामजद अभियुक्त घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण व एसआई अभिमनयु शर्मा की गिरफ्तारी मेमो कोर्ट को दो दिन बाद 20 नवम्बर की शाम रिसीव कराया है। जबकि दोनों को 18 नवम्बर को ही गिरफ्तार किया गया था और दोनों को पहले अनुमंडलीय अस्पताल में फिर रेफर किए जाने पर डीएमसीएच में इलाजरत बताया जा रहा है।
थानेदार के दो फर्द बयान की कॉपी हो रही वायरल
झंझारपुर के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के बयान पर मारपीट व पिस्टल तानने को लेकर दर्ज प्राथमिकी के अभियुक्त घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण
का अलग अलग दो फर्दबयान की कॉपी वायरल हो रही है। हालांकि हिन्दुस्तान अखबार कॉपी वायरल होने की पुष्टि नहीं करता।
पहले फर्दबयान के कॉपी में केवल थानेदार के साथ ही एसआई अभिमन्यु शर्मा व दरभंगा के बेंता ओपी के पुलिस अधिकारी उमेश उड़ांव का हस्ताक्षर है और
तीन पन्ना का है। इसके बाद जो फर्दबयान सामने आया उसमें इन तीनो के अलावा उसे झंझारपुर थाना को फॉरवार्ड करने वाले बेंता ओपी के एसएचओ का
भी हस्ताक्षर है। यह चार पन्ना का है। पहले फर्दबयान पर मेमो नम्बर नहीं है और दूसरे फर्दबयान के कॉपी में मेमो नम्बर भी लिखा हुआ है। साथ ही
फर्दबयान के प्रथम कॉपी की अपेक्षा दूसरे कॉपी में कई स्तर पर बदलाव के साथ त्रृटियां भी है। बदलाव नामजदो की संख्या में किया गया है। तिथि व समय
भी बदल गया है।
दूसरे में भी है विसंगितियां
थानेदार गोपाल कृष्ण के डीएमसीएच में लिए गए दोनो फर्दबयान में अंतर है। दूसरी में कई विसंगितिया है। बता दें कि कोर्ट परिसर में घटी घटना के बाद
आरोपी थानेदार गोपाल कृष्ण व एसआई अभिमन्यु शर्मा 19 नवम्बर को डीएमसीएच में भर्ती हुए। पर दूसरे बयान में 18 नवंबर अंकित है।