तिरहुत को कसने मुजफ्फरपुर पहुंच गए शिवदीप लांडे; आईजी का चार्ज लेकर बोले- हर जिले में एक्शन प्लान
आईजी शिवदीप लांडे ने कहा कि काम करने के लिए जिले के एसपी ज्यादा रिस्पांसिबल होते हैं। रेंज स्तर पर सभी जिलों के एसपी और जिला पुलिस को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने अपराधियों को कड़ी चेतावनी दी है।
2006 बैच के आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे ने तिरहुत रेंज के आईजी के रूप में गुरुवार को पद ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि रेंज का क्राइम सिनेरियो को समझकर जिलावार एक्शन प्लान बनाया जाएगा। पद ग्रहण करने के बाद आईजी शिवदीप लांडे ने पत्रकारों से कहा मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में अपराधियो के पैटर्न पर रिसर्च किया जाएगा। अपराधिओं की क्रिमिनल हिस्ट्री और घटनास्थल के साथ आपराधिक गैंग की शैली के अनुसार विशेष रूप में भी प्लान तैयार किया जाएगा। कहा कि मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर में अपराध नियंत्रण पर फोकस होगा।
शिवदीप लांडे ने कहा कि अलग अलग जिले के एसपी के साथ क्राइम एक्शन प्लान साझा किया जाएगा। इसके अलावेर जेल से बाहर आने वाले अपराधी पर विशेष फोकस रहेगी। उन्होंने कहा कि ब्रूटल क्राइम और जघन्य हत्याओं पर संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।
रेंज के सभी जिला के एसपी को हर संभव मदद दिया जायेगा। उन्होंने अपराधकर्मियों संभल जाने की चेतावनी भी दी है।
आईजी शिवदीप लांडे ने कहा कि काम करने के लिए जिले के एसपी ज्यादा रिस्पांसिबल होते हैं। ऐसे में रेंज स्तर पर सभी जिलों के एसपी और जिला पुलिस को हर संभव मदद दी जाएगी फिर चाहे वह मदद तकनीकी रूप में हो या अन्य रेंज का। इस मामले में पूरा सहयोग रेंज अंतर्गत सभी चार जिलों के एसपी को दी जाएगी। साथ ही अब तक की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की जाएगी।
आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे महाराष्ट्र के अकोला जिले के तालुका बालापुर के पारस गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बिहार के पटना, अररिया, पूर्णिया और मुंगेर जिले में आरक्षी अधीक्षक के रूप में कार्य किया है। पटना (मध्य क्षेत्र) के एसपी के रूप में वे काफी लोकप्रिय रहे। अपने कैरियर में कई अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की। केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद महाराष्ट्र पुलिस में डीसी बने। मुम्बई के एंटी नारकोटिक्स सेल व क्राइम ब्रांच में भी सेवारत रहे।
बिहार कैडर के अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे की पहली पोस्टिंग मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित जमालपुर में हुई थी। पटना में कार्यकाल के दौरान उन्होंने मनचलों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया। तब पटना से अररिया तबादले पर विरोध भी जताया गया था। रोहतास में उन्होंने अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाया। जेसीबी से अवैध स्टोन क्रशरों को ढाह कर माफियाओं में हड़कंप मचा दिया था।
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