Monsoon in Bihar: मॉनसून ने किया निराश, जून में वर्षा 83 फीसदी कम; कब शुरू होगी बारिश की गतिविधियां?
बारिश की कमी और प्रचंड गर्मी के चलते बिहार में धान की खेती पिछड़ गई है। राज्य में 3.50 लाख हेक्टेयर लक्ष्य का सिर्फ 21 फीसदी बिचड़ा ही डाला जा सका है। सबसे खराब हालत दक्षिण बिहार के जिलों की है।
बिहार मे अनुमानित समय से एक दिन पहले ही मॉनसून ने दस्तक दे दी। मगर उसके बाद इसने बिहार वासियों खासकर किसानों को बहुत निराश किया। प्री मानसून सीजन के बाद अब मानसून सीजन में भी बादलों की दगाबाजी जारी है। एक जून से 15 जून तक जारी बारिश के आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में मानक से 83 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस अवधि में सूबे में 57.2 मिमी बारिश होनी थी लेकिन मात्र 9.2 मिमी बारिश हुई। राज्य के नौ जिलों में बारिश की किल्लत शत प्रतिशत तक पहुंच गई है। यहां बारिश का आंकड़ा शून्य रहा है।
इन जिलों में बारिश कम
मौसम विभाग के अनुसार अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भभुआ, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान और वैशाली में सौ फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं बक्सर, गोपालगंज, जमुई, नवादा, रोहतास, समस्तीपुर और पश्चिमी चंपारण में 99 प्रतिशत बारिश की कमी है, जबकि भोजपुर में 98 प्रतिशत और मुंगेर में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। राज्य भर में एक मात्र अररिया जिला है, जहां बारिश की किल्लत का प्रतिशत 50 से कम है। अररिया में 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पिछले एक हफ्ते में बारिश की गतिविधियों पर नजर डालें तो राज्य भर में नौ जून से 15 जून के बीच 28.5 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन मात्र 9.1 मिमी बारिश हुई जो सामान्य से 68 प्रतिशत कम है।
धान की खेती पिछड़ गई
बारिश की कमी और प्रचंड गर्मी के चलते बिहार में धान की खेती पिछड़ गई है। राज्य में लक्ष्य का सिर्फ 21 फीसदी बिचड़ा ही डाला जा सका है। सबसे खराब हालत दक्षिण बिहार के जिलों की है। मगध और मुंगेर प्रमंडल के जिलों में सिर्फ 3 से 4 फीसदी ही बिचड़ा पड़ा है। पूरे राज्य में धान के बिचड़ा का लक्ष्य 3.50 लाख हेक्टेयर है। शुक्रवार तक 76 हजार हेक्टेयर में बिचड़ा गिरा है।
दक्षिण बिहार के जिलों में जिन किसानों ने बिचड़ा डाला है, वह भी सूखने की कगार पर है। तेज पछुआ के चलते उन्हें बार-बार सिंचाई करनी पड़ रही है। जलस्तर नीचे गिरने से सिंचाई के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है। पटना जिले के धनरुआ प्रखंड के किसान रामजतन ने बताया कि पानी नीचे चले जाने से बोरिंग फेल हो गई है। यही हाल अन्य किसानों का है। जलस्तर नीचे गिरने से बिचड़ा बचा पाना चुनौती हो रही है।
20 -21 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार सूबे में बारिश की किल्लत ऐसी नहीं रहेगी। 20 -21 जून के बाद बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी जिससे बारिश की कमी का अंतराल कम होगा। मौसम विभाग ने अगले तीन चार दिनों बाद मानसून के प्रसार के आसार जताए हैं। इससे उत्तर बिहार सहित राज्य भर में बारिश की गतिविधियों में थोड़ी बेहतरी के आसार हैं।