बिहारः लाइब्रेरियन के 20 हजार पद खाली, जल्द होगी बहाली; नीतीश के मंत्री चंद्रशेखर ने और क्या कहा?
20 हजार से अधिक पद खाली हैं। 50 हजार अभ्यर्थी नियुक्त होने के इंतजार में हैं। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राजभवन में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नियम-परिनियम का निर्माण होगा।
बिहार में जल्द बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरी की वैकेंसी आने वाली है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में बिहार सरकार पुस्तकालयाध्यक्षों की बहाली करने जा रही है। ये बहालियां नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्लस टू) से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों तक में की जाएगी। नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इसकी जानकारी दी है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधानसभा में इस आशय की घोषणा की। मधुबनी जिले के खजौली व भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने हाईस्कूल से लेकर महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में 14 साल से लाइब्रेरियनों की बहाली नहीं होने का सवाल उठाया था। कहा, 20 हजार से अधिक पद खाली हैं। 50 हजार अभ्यर्थी नियुक्त होने के इंतजार में हैं। इस पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राजभवन में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नियम-परिनियम का निर्माण होगा।
यूजीसी गाइडलाइन का होगा पालन
यूजीसी की गाइडलाइन के आलोक में शिक्षा विभाग नेपरिनियम बनवाने का आग्रह राजभवन सचिवालय से किया है। परिनियम बनते ही विवि व महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। वहीं शिक्षक नियुक्ति के नए चरण के तहत प्रदेश के नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी लाइब्रेरियन का नियोजन पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने माना कि माध्यमिक विद्यालयों में 2789 पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर 2008 में नियुक्ति प्रारंभ हुई और यह 2019 में पूर्ण हुई। कोर्ट वादों की वजह से विलंब हुआ। साथ ही तकरीबन 2800 पदों के विरुद्ध महज 893 पुस्तकालयाध्यक्ष फिलहाल नियुक्त हैं।
विद्यालयों में शौचालय साफ नहीं रहे तो हेडमास्टर नपेंगे
शिक्षा मंत्री ने भाजपा के प्रेम कुमार (जनक सिंह प्राधिकृत) के प्रश्न पर कहा कि राज्य के बचे हुए विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में शौचालय का निर्माण हो जाएगा। शौचालयों के रख रखाव के लिए छात्र संख्या के आधार पर धन का उपबंध किया गया है। यह 10 हजार से एक लाख रुपये तक है। उन्होंने भाजपा के नंदकिशोर यादव के पूरक पर कहा कि केंद्र के असहयोग के कारण सर्व शिक्षा अभियान प्रभावित हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में इस योजना पर 18 हजार 176 करोड़ रुपया खर्च हुआ। इसमें केंद्र को 10 हजार 905 करोड़ रुपया देना है। लेकिन, अब तक मात्र एक हजार 855 करोड़ रुपया मिला है। उन्होंने बताया कि शौचालयों के निर्माण एवं रख रखाव के लिए डीइओ को पत्र लिखा गया है। शौचालयों की साफ-सफाई के लिए हेडमास्टर जिम्मेवार हैं। व्यवस्था लचर पाई जाएगी, वहां के हेडमास्टर पर कार्रवाई होगी।
सीवान व गोपालगंज के विद्यार्थियों की छपरा में परीक्षा होने पर सरकार विचार करे सभाध्यक्ष
विस अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि जेपी विवि से जुड़े गोपालगंज व सीवान के विद्यार्थियों की यूजी तथा पीजी की परीक्षा छपरा में लेने पर सरकार विचार करे। कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। अमरजीत कुशवाहा ने छात्र-छात्राओं की समस्या के मद्देनजर विस में इस मामले को उठाया था, जिसपर सभाध्यक्ष ने निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि यह नियमानुकूल है कि यूजी-पीजी की परीक्षाएं विवि मुख्यालय में ही होंगी।