हिन्दुस्तान स्पेशलः राजगीर और बोधगया का सबसे अधिक रुख कर रहे बिहार आने वाले पर्यटक, कारण जानते हैं?
जंक्शन पर्यटक सूचना केंद्र के प्रभारी ने बताया कि राजगीर में लगे मलमास मेले के कारण अभी सबसे ज्यादा लोग राजगीर की तरफ रुख कर रहे हैं। बताया कि अधिकतर पर्यटक राजगीर के साथ- साथ बोधगया की भी बुकिंग के ल
बिहार आने वाले पर्यटकों राजगीर और बोधगया सबसे अधिक लुभा रहा है। पटना जंक्शन स्थित पर्यटक सूचना केंद्र पर रोजाना औसतन 40 पर्यटक बिहार के मशहूर पर्यटन स्थलों की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। इनमें से लगभग 30 राजगीर और बोधगया जैसे पर्यटन स्थलों के भम्रण में अपनी रूचि दिखा रहे हैं।
सबसे अधिक पर्यटक राजगीर के लिए और उसके बाद बोधगया के लिए गाड़ियों की बुकिंग करा रहे। पिछले पांच दिनों में पर्यटक सूचना केंद्र से लगभग 182 लोगों ने राजगीर के लिए जानकारी ली और बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की गाड़ियों की बुकिंग कराई।
जंक्शन पर्यटक सूचना केंद्र के प्रभारी ने बताया कि राजगीर में लगे मलमास मेले के कारण अभी सबसे ज्यादा लोग राजगीर की तरफ रुख कर रहे हैं। बताया कि अधिकतर पर्यटक राजगीर के साथ- साथ बोधगया की भी बुकिंग के लिए आ रहे हैं।
पर्यटकों को रूट मैप और बुकलेट मुहैया कराया जा रहा
पर्यटकों को सूचना केंद्र की ओर से विभिन्न पर्यटन स्थलों का रूट मैप और बुकलेट मुहैया कराई जा रही है। पर्यटकों को बिहार में विकसित नए पर्यटन स्थलों, पर्यावरण आदि के बारे में विस्त़ृत जानकारी बुकलेट के माध्यम से दी जा रही है।
इन केंद्रों से पर्यटक ले सकते हैं जानकारी
पटना में पर्यटक पटना जंक्शन, हवाई अड्डा, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पटना साहिब रेलवे स्टेशन और पटना साहिब गुरुद्वारा स्थित सूचना केंद्र से पर्यटन स्थलों की जानकारी ले सकते हैं।
बता दें कि पर्यटन सूचना केंद्र से ही पर्यटक बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) से इनोवा, इंडिगो समेत अन्य गाड़ियां घूमने के लिए बुक करा सकते हैं। पर्यटकों को 17 से 24 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है।
मलमास मेले की क्या है मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राजगीर के मलमास मेले के दौरान सनातन धर्म के सभी 33 करोड़ देवी-देवता यहां निवास करते हैं। राजगीर में भगवान विष्णु की शालीग्राम के रूप की पूजा होती है। यहां पर ब्रह्मकुंड में स्नान का विशेष महत्व है। मलमास में कोई भी मांगलिक व शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु का ध्यान व जप करने का अधिक फल मिलता है। यही कारण हैं कि लोग इस मेले में शामिल होने के लिए राजगीर का रूख कर रहे।
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