सरकार ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के पर कतरे: अब बिना टेंडर पंचायतों में नहीं होंगे विकास कार्य, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला
नीतीश कैबिनेट के एक फैसले ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों पर कैंची चला दी है। अब बिना टेंडर के पंचायतों में विकास कार्य नहीं होंगे। जिससे अब मनमानी और गड़बड़ियों की शिकायत पर लगाम लगेगी।
नीतीश कैबिनेट में आज 27 अहम प्रस्तावों पर मुहर ली। जिसमें एक बड़ा फैसला पंचायत स्तर पर लिया गया। जिसके तहत अब 15 लाख रुपये से कम की योजनाओं का भी टेंडर होगा। इसे लेकर पंचायत निर्माण कार्य नियमावली की स्वीकृति दी गई है। सरकार के इस फैसले से पंचायतों में अब मुखिया और वार्ड सदस्यों की मनमानी पर लगाम लग जाएगी।
दरअसल पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में हो रही धांधली, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है। गड़बड़ी की शिकायतों के बाद अब सरकार ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों पर कैंची चला दी है। अब बिना टेंडर पंचायतों में विकास कार्य नहीं किए जाएंगे। अब तक पंचायतों में विकास कार्यों का मुखिया और वार्ड सदस्य अपने तरीके से कराते थे। जिसमें कई बार घटिया सामग्री के इस्तेमाल और कामचलाऊ काम होता था। जिसकी शिकायतें लगातार सरकार तक पहुंच रही थीं। जिसके बाद अब नीतीश कैबिनेट ने ये बड़ा फैसला लेते हुए, चली आ रही मनमानी पर ब्रेक लगा दिया है।
नीतीश कैबिनेट के एक और फैसले में जिला परिषदों की बेशकीमती जमीनों को लंबे समय के लिए लीज पर देने के लिए सरकार की सहमति जरूरी होगी। कृषि भूमि की लीज बाजार कीमतों पर तय होगी। इसके अलावा 27 प्रस्तावों में सीएम समग्र शहरी विकास योजना को भी मंजूरी मिल गई है। इस योजना का कार्यान्वयन बुडको और बुडा के माध्यम से होगा। प्रभारी मंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। विधायक व विधान पार्षद योजनाओं की अनुशंसा करेंगे। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 500 करोड़ का आवंटन किया गया है। लेकिन इससे तीन गुना अधिक तक योजनाओं का चयन किया जा सकेगा।