खुलासा: मलेशिया से ट्रेनिंग लेकर भारत में साइबर अपराध कर रहा था कुणाल
साइबर अपराध करने वाले गैंग के सरगना कुणाल शर्मा से जब पटना पुलिस की विशेष टीम ने पूछताछ शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ। कुणाल ने मलेशिया में जाकर एक साल तक ट्रेनिंग ली है। वहीं, पर...
साइबर अपराध करने वाले गैंग के सरगना कुणाल शर्मा से जब पटना पुलिस की विशेष टीम ने पूछताछ शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ। कुणाल ने मलेशिया में जाकर एक साल तक ट्रेनिंग ली है। वहीं, पर उसने अलग-अलग सॉफ्टवेयर के जरिये साइबर अपराध करने का तरीका सीखा।
भारत लौटने के बाद कई शहरों में कुणाल ने साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया। दौसा राजस्थान निवासी कुणाल इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने के बाद मलेशिया चला गया था। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने भी इस अंतरराष्ट्रीय हैकर्स और साइबर अपराध करने वाले गैंग के सदस्यों से पूछताछ की। सचिवालय डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर के मुताबिक कुणाल के साथ गिरफ्तार हुये उसके दो अन्य साथियों संतोष मीणा उर्फ सुमित और रौबिन सिंह मीणा से भी पूछताछ की गयी है। तीनों को एयरपोर्ट थाने की पुलिस जेल भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं पटना के रहने वाले जिस चौथे शख्स को पुलिस ने हिरासत में लिया था उसे गिरफ्तार कर लेने की बात से फिलहाल डीएसपी ने इंकार किया है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में पटना पुलिस की टीम छानबीन करने राजस्थान और मुंबई भी जा सकती है।
साइबर अपराध से आयी रकम को बिट क्वाइन में बदल देते थे
बेहद शातिर कुणाल साइबर अपराधी की दुनिया का किंग बनना चाहता था। वह पुलिस के पास कोई सबूत नहीं छोड़ना चाहता था, जिससे उसे भविष्य में कोई परेशानी हो। लिहाजा कुणाल ने दूसरों के पेटीएम, फ्लिपकार्ट, मेक माई ट्रिप के ई वैलेट से रुपये उड़ाने शुरू कर दिये। उन रुपये से वह गिफ्ट कूपन खरीदता था, फिर उसे अपने गिरोह के दूसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर देता था। दोबारा उस व्यक्ति से कुणाल अपने किसी खाते में उस कूपन को मंगवाकर उसे बिट क्वाइन के रूप में बदलवा देता था। जिस व्यक्ति के खाते से यह सारा खेल खेला जाता था, उसे सरगना कुछ रकम थमा दिया करता था।
क्या है बिट क्वाइन
पारस्परिक भुगतान के लिये यह एक नई मुद्रा है। यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है। बिट क्वाइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है। यह एक डिजिटल करेंसी के रूप में भी जाना जाता है। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर हो सकता है। अगर किसी के पास बिट क्वाइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है। कुछ लोग कम कीमत पर बिट क्वाइन खरीद कर ऊंचे दामों पर उसे बेचने का काम भी करते हैं।
टेलीग्राम पर बने ग्रुप में विदेशी हैकर्स भी
टेलीग्राम पर कुणाल ने कई लोगों का ग्रुप बना रखा है। उस पर बिट क्वाइन की चर्चा भी है। ग्रुप पर कुछ विदेशी हैकर्स के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है जिसकी जांच करने में पुलिस जुटी हुई है।
एयरपोर्ट से हुआ था गिरफ्तार, तब खुला राज
अंतराष्ट्रीय हैकर्स गैंग का सरगना कुणाल और उसके दो अन्य साथियों रौबिन और सुमन को एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने बीते रविवार को गिरफ्तार किया था। इन अपराधियों को उस वक्त पकड़ा गया जब ये तीनों पटना से फ्लाइट पकड़कर मुंबई जाने की फिराक में थे। कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र के एक कारोबारी के पेटीएम से अवैध निकासी की गयी थी। उसी कारोबारी ने हैकर्स का पता लगाया। कारोबारी को पता चला कि उसके पेटीएम से रुपये निकालकर पटना के रहने वाले मनीष के खाते में डाले गये हैं। कारोबारी मनीष तक पहुंचा तो उसने गिरोह के बारे में सारे राज खोल दिये। उसने कारोबारी के रुपये भी वापस कर दिये। गिरोह का राज खुलने के डर से कुणाल ने राजस्थान से एक कार पटना भेजी। फिर वह अपने दो गुर्गों के साथ फ्लाइट से पटना पहुंचा। इसकी सूचना मनीष ने कारोबारी को दे दी। जब वह कुणाल के हाथ नहीं आया तो सरगना रविवार को वापस फ्लाइट से जाने लगा। सूत्रों के मुताबिक सरगना किसी की हत्या करने पटना पहुंचा था। साजिश विफल होने पर वह वापस लौटने लगा। इसी दौरान उसे एयरपोर्ट से पकड़ लिया गया। इस गिरोह के मास्टरमाइंड के बांग्लादेश में रहने की बात सामने आयी थी।