बिहार में नदियों का रौद्र रूप; कोसी, गंडक, महानंदा लाल निशान के ऊपर, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
बिहार की नदियों में आई बाढ़ के चलते कई जिलों के निचले इलाकों में पानी भर गया है। और कटाव का खतरा बढ़ गया है। राज्य की कोसी, गंडक, महानंदा, बागमती, कमला खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक और कमला बलान नदियों में आई बाढ़ की वजह से प्रभावित इलाकों की कई सड़कों पर पानी बह रहा है। कई गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। नदियों का पानी निचले इलाकों में फैलने से पशुचारे का भी संकट उत्पन्न हो गया है। कोसी नदी का जलस्तर मंगलवार की दोपहर से फिर बढ़ने लगा है।
इससे सुपौल, सहरसा और मधेपुरा जिले के निचले इलाकों में पानी फैल गया है। कोसी बराज पर मंगलवार शाम चार बजे कोसी नदी का जलस्तर दो लाख 42 हजार 055 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया। उधर, पश्चिम चंपारण में गंडक के जलस्तर में कमी आई है जिससे कटाव का खतरा बढ़ गया है।
सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़ -भपटियाही, मरौना, निर्मली प्रखंडों के तटबंध के अंदर लगभग दो दर्जन से अधिक गांव में एक फीट पानी जमा है। मधेपुरा जिले में अठगामा से भवानीपुर बासा जाने वाली सड़क पर मंगलवार को कोसी नदी का पानी फैल गया। खगड़िया जिले में कोसी व बागमती नदी के उफान से फरकिया के दियारा इलाके में पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।
पशुपालक अपनी पशुओं को लेकर सुरक्षित इलाके की ओर पलायन कर रहे हैं। कटिहार के धबौल के समीप पिछले 12 घंटे में महानंदा का जलस्तर लाल निशान पार करते हुए 37 सेंटीमीटर ऊपर चला गया है। अररिया जिले के सिकटी प्रखंड होकर बहने वाली नूना नदी में मंगलवार की सुबह अचानक आई उफान से आधा दर्जन निचले गांव के घर आंगन में फिर पानी घुस गया है। सुल्तानगंज-शाहकुंड पथ पर वाहनों का आवाजाही बंद है।
उधर, पूर्वी चंपारण के केसरिया, संग्रामपुर और सुगौली में बाढ़ के कारण लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। यहां सड़कों पर तीन फीट तक पानी बह रहा है। डुमरियाघाट में गंडक के तटवर्ती गांवों में पानी फैलने के बाद लोग पलायन कर गए हैं। पश्चिम चंपारण के तमकुही-झारमहुई सड़क मसान नदी के पानी से ध्वस्त हो गयी है। पूर्वी चंपारण के डुमरियाघाट में गंडक के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। नदी के भीतरी भाग में स्थित बदुराहा, एमिलिया टोला गांव को जानेवाली सड़क पर दो फीट पानी बह रहा है।
इस बीच, मधुबनी के जयनगर में कमला खतरे के निशान से 1.55 मीटर और झंझारपुर में कमला बलान 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गोपालगंज जिले में गोपालगंज सदर, मांझागढ़, सिधवलिया व बैकुंठपुर के तटवर्ती करीब पांच नए गांव बाढ़ के पानी से घिर गए । प्रभावित गांवों का प्रखंड व जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क कट गया है।