महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर घमासान तेज, कांग्रेस को चाहिए 11 सीटें, बेगूसराय और कटिहार भी
बिहार महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के सीट शेयरिंग को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। कांग्रेस ने 11 सीटों पर तैयारी कर ली है, इसमें बेगूसराय और कटिहार भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा हो चुकी है और बिहार महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे पर पार्टियों के बीच एकराय नहीं बन पाई है। कांग्रेस ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। इसमें बेगूसराय और कटिहार भी शामिल है। इन दोनों सीटों को लेकर आरजेडी और सीपीआई से खींचतान चल रही है। मगर कांग्रेस भी बेगूसराय और कटिहार से चुनाव लड़ने के लिए अड़ी हुई है। ऐसे में महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग फॉर्मूला चुनौती बना हुआ है। हाल ही में सीपीआई माले ने भी राज्य की 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया।
बेगूसराय लोकसभा सीट से कांग्रेस जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उतारना चाहती है। कन्हैया यहां से 2019 में भी सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें बीजेपी के गिरिराज सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, कटिहार लोकसभा सीट पर आरजेडी और कांग्रेस में खींचतान बनी हुई है। कांग्रेस यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर को प्रत्याशी बनाने के मूड में है। वहीं, आरजेडी भी कटिहार से पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अश्फाक करीम को उतारना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कटिहार से जेडीयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक अनवर को 57203 वोटों से हराया था।
बिहार कांग्रेस कमिटी ने शनिवार को इन दोनों लोकसभा सीटों पर अपना दावा मजबूत किया और एआईसीसी को कैंडिडेट फाइनल करने के लिए अधिकृत किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने शनिवार को कहा कि हमने बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर तैयारी की है। हालांकि उनकी पार्टी गठबंधन में रहते हुए अपनी प्रस्तावित सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी, जबकि अन्य सीटों पर वह अपने सहयोगी दलों का समर्थन करेगी।
पटना स्थित प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को हुई बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी पार्टी ने नवादा, मोतिहारी, वाल्मीकिनगर, मधुबनी, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, औरंगाबाद, सासाराम और पाटलिपुत्र लोकसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की। कांग्रेस को उम्मीद है कि उन्हें 11 सीटें मिलेंगी। पार्टी ने वाल्मीकि नगर या मधुबनी में से कोई एक सीट आरजेडी से मांगी है। उन्होंने बताया कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला अगले हफ्ते तक फाइनल होने की संभावना है।
कांग्रेस को 5 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती आरजेडी?
दूसरी ओर, आरजेडी कांग्रेस को पांच से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं हैं। आगामी चुनाव में लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी लेफ्ट पार्टियों को ज्यादा सीटें देना चाहती है। आरजेडी के एक विधायक ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन में 70 सीटें मिली थीं, जिनमें से वह सिर्फ 19 पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन की वजह से महागठबंधन को हार झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से कोई मतलब नहीं है। हमें यह जीत को ध्यान में रखते हुए चुनाव लड़ना चाहिए।