आंधी-पानी से बिहार में बिजली सप्लाई चरमराई, पटना में 30 फीडरों से आपूर्ति ठप; लाखों की आबादी तबाह
आपूर्ति व्यवस्था चरमराने के कारण शहर की लगभग पांच लाख से अधिक की आबादी बिजली कटौती से परेशान रही। पटना समेत ई जिलों में शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाके में बिजली की आंख-मिचौनी होती रही।
तेज आंधी-पानी के कारण पटना मुजफ्फरपुर समेत कई बिहार के जिलों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह प्रभावित रही। पटना में शुक्रवार की रात 12 बजे के बाद 33 और 11 केवीए के 30 से अधिक फीडरों की बिजली आपूर्ति चरमराई रही। आपूर्ति व्यवस्था चरमराने के कारण शहर की लगभग पांच लाख से अधिक की आबादी बिजली कटौती से परेशान रही। शहर के अमूमन इलाके में बिजली की आंख-मिचौनी होती रही। यह समस्या बैनर-पोस्टर और पेड़ की डाली तार पर गिरने से बनी। शहर में जगह-जगह लगे बैनर-पोस्टर आंधी में टूटकर बिजली के तार से लिपट गए। इसके कारण फीडर बंद होता रहा। 11 केवीए के एक फीडर बंद होने से एक साथ 20 से 25 ट्रांसफार्मरों की बिजली ठप रही।
पटना के ये फीडर बंद हुए
पाटलिपुत्र फीडर, नासरीगंज फीडर, सगुना फीडर, वेस्ट फीडर, खाजपुरा फीडर, एक्सचेंज फीडर, पीजी फीडर, 33 केवीए पेसू टू फीडर, जमाल रोड फीडर, एमजी नगर फीडर, साईं मंदिर फीडर, बेऊर सिटी फीडर, मालसलामी फीडर, यूनिवर्सिटी फीडर, इशोपुर फीडर, सीआईएसएफ फीडर, एफसीआई फीडर, अर्पणा बैंक कॉलोनी फीडर, खगौल 6 फीडर, न्यू टाउन फीडर, 33 केवीए पेसू-6 फीडर, आईजीआईसी फीडर, आउटर फीडर, बोर्ड कॉलोनी फीडर, आरपीएस फीडर, 33 केवीए दानापुर 1 फीडर, 33 केवीए आरबीआई फीडर, 33 केवीए आशियाना फीडर बंद रहा।
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अधिकारियों का दावा युद्धस्तर पर काम शुरू
शनिवार को पीक आवर में नॉर्थ बिहार में 24 सौ मेगावाट तो दक्षिण बिहार में तीन हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई। जबकि आम तौर पर राज्य में सात हजार मेगावाट से अधिक बिजली की आपूर्ति होती है। इस बाबत कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया कि युद्धस्तर पर बिजली की आपूर्ति सेवा को बहाल किया जा रहा है। पटना के अलावा मुजप्फरपुर, मोतिहारी और आसपास के कई जिलों में बिजली के तार टूट जाने से 10 से 15 घंटों तक बिजली लोगों को नहीं मली। मुजफ्फरपुर में करीब 30 घंटे बाद ग्राणीण इलाकों में बिजली आई।
पेड़ की डाली बिजली में बाधा बनी
बैनर-पोस्टर 11 हजार या 440 वोल्ट के तार से लिपटने के बाद 11 केवीए फीडर को ब्रेकडाउन करा दिया। एक फीडर ब्रेकडाउन होने पर उसे चालू करने में 30 मिनट से अधिक का समय लग जा रहा था। पहले पेट्रोलिंग कर पता लगाया जाता और उसके बाद तार पर से बैनर हटाकर बिजली बहाल की जाती है। पेसू का मनना है कि यदि बैनर-पोस्टर तार पर नहीं गिरे तो आंधी-पानी के बीच बिजली अधिक देर बाधित नहीं रहेगी।
आंधी-पानी के बीच पेड़ की डाली बिजली में बाधा बन गई। सैदपुर, महेन्द्रू, अनीसाबाद, फुलवारी, गर्दनीबाग, मैनपुरा, खरंजा रोड, सगुना मोड़, बैरिया, बहादुरपुर, बेउर, आनंद बाजार, न्यू बाइपास, फुलवारीशरीफ, खगौल समेत अन्य इलाकों में पेड़ की डाली तार पर गिरने से फीडर ब्रेकडाउन हुआ। खुले तार पर बैनर-पोस्टर, पेड़ की डाली या अन्य वस्तुओं के गिरने पर शॉर्ट सर्किट लग जाता है। तार पर कुछ गिरने से आपस में दो फेज सट जाता और तेज आवाज के साथ लाइन बंद हो जाता है। यदि कवर तार लगेंगे तो यह समस्या नहीं होगी।