7 साल में करोड़ों का मालिक बन गया बिजली विभाग का इंजीनियर, काली कमाई से खरीदी 32 कट्ठा जमीन
बिजली महकमे के कार्यपालक इंजीनियर संजीव गुप्ता ने 2014 में नौकरी ज्वाइन की थी। इसके तीन साल बाद ही काली कमाई शुरू कर दी। 2017 से लेकर अब तक करीब सात सालों में उसने 5 करोड़ की संपत्ति बना ली।
आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने बिजली महकमा के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के चार ठिकानों दानापुर, बांका, भागलपुर और पूर्णिया में एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान भागलपुर और पूर्णिया स्थित उनके घर से जमीन जायदाद के करीब एक दर्जन कागजात बरामद किए गए। फिलहाल, इन सभी कागजात की पड़ताल एसवीयू स्तर से जारी है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि इन्होंने तमाम संपत्ति अपनी नौकरी के महज 7 वर्ष यानी 2017 से 2023 के कार्यकाल में ही खरीदी है। काली कमाई की बदौलत ही इन संपत्तियों की खरीद की गई है, जिनका सरकारी मूल्य करीब 5 करोड़ है। जबकि बाजार मूल्य इससे कई गुना अधिक है।
नौ संपत्तियों के कागजात में जमीन का रकबा 32 कट्ठा से अधिक है। इसमें 2017 में पटना के दानापुर में स्वयं के नाम पर खरीदा गया एक तीन कमरों का आलीशान फ्लैट भी शामिल है। संजीव 2014 में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त हुए थे और तीन वर्ष बाद ही काली कमाई शुरू कर दी। काली कमाई को जमीन-जायदाद में ही सबसे ज्यादा निवेश किया है।
इंजीनियर संजीव गुप्ता ने अपने अलावा पिता और पत्नी के नाम पर भी संपत्तियां खरीदी हैं। जांच के दौरान 2 कट्ठा जमीन का एग्रीमेंट पेपर भी मिला है, जो नागपुर का है। इसका मूल्य 37 लाख है, लेकिन 12 लाख रुपये देकर एग्रीमेंट कराया गया था। अभी इसकी रजिस्ट्री होनी बाकी है। इसके अलावा उन्होंने अन्य जो संपत्तियां बनाई हैं, उसमें पूर्णिया के गोआसी में पत्नी के नाम पर कृषि योग्य एक बीघा जमीन 2021 में खरीदी गई है।
संजीव गुप्ता ने 2020 में पत्नी के नाम से ही डेढ़ कट्ठा भागलपुर में जमीन, 2023 में भागलपुर में स्वयं एवं पत्नी के नाम डेढ़ कट्ठे के दो प्लॉट की रजिस्ट्री कराई है। पूर्णिया में 2017 में दो कट्ठा पिता व दो कट्ठा जमीन स्वयं के नाम पर ले रखी है।