बिहार में बिजली संकट, जिलों में 9 घंटे तक पावर कट; जानिए क्या है कारण
एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि बरौनी नौ और फरक्का चार ओवरहॉलिंग में है जिसके कारण बिहार को 400 मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है। दोनों यूनिट आज-कल में चालू हो जाएंगी।
बिहार में फिर से बिजली संकट गहरा गया है। लगातार दूसरे दिन सोमवार को केंद्रीय सेक्टर से राज्य को कम बिजली मिली। हालांकि रविवार की तुलना में सोमवार को केंद्रीय सेक्टर से मिलने वाली बिजली में सुधार रहा। आवंटित कोटे से लगभग 1200 मेगावाट कम बिजली मिलने के कारण दो दर्जन से अधिक ग्रिडों को प्रतिबंधित कर चलाया गया। दर्जनों फीडर को बारी-बारी से बिजली दी गई। इस कारण शहर से लेकर गांवों तक छह से नौ घंटे तक की बिजली कटौती हुई।
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय कोटा के अनुसार बिजली नहीं मिलने के कारण बिहार के शहरी क्षेत्रों में चार से छह घंटे तक की लोडशेडिंग हुई। वहीं अर्धशहरी इलाके में पांच से सात घंटे जबकि ग्रामीण इलाकों में छह से नौ घंटे तक की लोडशेडिंग हुई।
कब सामान्य होगी स्थिति?
बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार ने बताया कि केंद्रीय सेक्टर से मिलने वाली बिजली में सोमवार को अपेक्षाकृत सुधार हुआ। एक-दो बंद यूनिट के चालू होने से बिहार को केंद्रीय सेक्टर से आवंटित कोटा की तुलना में 1200 मेगावाट कम बिजली मिली। इस कारण कंपनी को खुले बाजार से भी बिजली लेनी पड़ी। इसमें कंपनी को अधिक पैसे खर्च करने पड़े। हालांकि एक-दो दिनों के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि बरौनी नौ और फरक्का चार ओवरहॉलिंग में है जिसके कारण बिहार को 400 मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है। इसकी जानकारी बिहार को पहले ही दी जा चुकी है। दरलीपल्ली और बाढ़ बिजली घर में ब्वायलर ट्यूब लिकेज के कारण बिहार को लगभग 507 मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है। दोनों यूनिट आज-कल में चालू हो जाएंगी।