Hindi Newsबिहार न्यूज़Electricity Crisis in Bihar Dispute between NTPC and Generation Company know what is reason behind less Supply to Public

बिहार में बिजली संकट पर विवाद, समझें आमजन को पर्याप्त बिजली नहीं मिलने का क्या है कारण

बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 90 फीसदी है। औद्योगिक कनेक्शन की संख्या कम होने से हम चौबीसों घंटे अधिक बिजली ले नहीं सकते हैं। हमारा मकसद बिजली बेचकर मुनाफा कमाना नहीं होता।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाMon, 18 July 2022 06:02 AM
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बिहार में बिजली संकट पर बिजली कंपनी और एनटीपीसी आमने-सामने आ गई है। एक ओर बिजली कंपनी ने कहा है कि एनटीपीसी की उत्पादन इकाइयां बंद होने के कारण बिहार को कोटा के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। इस कारण राज्य में लोडशेडिंग करना पड़ रहा है। दूसरी ओर एनटीपीसी ने कहा है कि बिहार की ओर से एक दिन में 12 से 16 घंटे तक 55 फीसदी से कम बिजली ली जा रही है। कम मांग के कारण उत्पादन इकाइयों में खराबी आ रही है, जिससे बिजली घरों को बंद करना पड़
रहा है।

बिजली जेनरेशन कंपनी के एमडी महेन्द्र कुमार ने कहा कि एनटीपीसी की ओर से बिजली नहीं लेने की बात बेमानी है। नवीनगर यूनिट से बिहार का कोटा मात्र 10 फीसदी है तो रेलवे के हिस्से में 90 फीसदी बिजली है। 10 फीसदी के लिए हम पूरी बिजली लेने को बाध्य नहीं हैं। इसी तरह कहलगांव यूनिट के स्टेज दो में बिहार का कोटा मात्र पांच फीसदी है। ऐसे में पांच फीसदी बिजली लेने के लिए हम यूनिट चलाने के लिए बाध्य नहीं हैं। एमडी ने कहा कि बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 90 फीसदी है। औद्योगिक कनेक्शन की संख्या कम होने से हम चौबीसों घंटे अधिक बिजली ले नहीं सकते हैं। रात में जब पीक आवर में जब जरूरत होती है
तो हम तय कोटा के अनुसार बिजली का शिड्यूल दिया करते हैं। जहां तक एनटीपीसी की बिजली बेचने का सवाल है, अगर हमने कोटा ले लिया और खपत उस अनुसार नहीं होती तो उसे अनशिड्यूल सेल करने की मजबूरी आ जाती है। हमारा मकसद बिजली बेचकर मुनाफा कमाना नहीं होता।

रविवार को स्थिति में सुधार

शनिवार की तुलना में रविवार को बिहार में बिजली की उपलब्धता ठीक रही। एनटीपीसी की नवीनगर व बरौनी यूनिट चालू होने के कारण देर रात बिहार को 700 मेगावाट अधिक बिजली मिली। इस कारण कंपनी ने देर शाम छह हजार मेगावाट से अधिक बिजली की आपूर्ति की। मात्र 300 मेगावाट की किल्लत रही। कोटा के अनुसार पर्याप्त बिजली मिलने के कारण शहरी इलाकों में कंपनी ने 22 घंटे से अधिक तो ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे से अधिक बिजली देने का दावा किया।

एनटीपीसी बिजली देने के लिए तत्प

एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि एनटीपीसी बिहार को तय आवंटन के मुताबिक बिजली देने के लिए तत्पर है। बिहार द्वारा एनटीपीसी को दिए जा रहे औसत शिड्यूल से अधिक बिजली लगातार उपलब्ध करायी जा रही है, औसत मांग के अनुरूप बिजली उपलब्धता की कोई दिक्कत नहीं है। हाल के दिनों में बिहार द्वारा 24 घंटे में से 12-16 घंटे अर्थात ऑफ-पीक समय में बिजली की मांग नहीं होने की बात कहकर एनटीपीसी से तय आवंटन व डिक्लेयर्ड कैपिसिटी 5000-5500 मेगावाट के मुकाबले 2200-2800 मेगावाट अर्थात 50 फीसदी से भी कम बिजली लिया जा रहा है,कुछ यूनिट्स जिसमें कहलगांव उल्लेखनीय है, से तो
30 से भी कम बिजली ड्रॉ किया जा रहा है। लिहाजा यूनिट की सुरक्षा हेतु कुछ यूनिट को मजबूरन रिजर्व शट-डाउन में लेने के लिए हमें बाध्य होना पड़ा है। यह प्लांट के सुरक्षित प्रचालन हेतु चिंताजनक स्थिति है। इतने कम लोड पर प्लांट चलाने से यूनिट्स के प्रचालन में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज़्यादातर समय रात 12 बजे से अगले दिन शाम 4 बजे तक कमोबेश यही स्थिति देखने को मिल रही है।

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