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दिल्ली में भी नहीं सुलझा पूर्णिया और कटिहार का झगड़ा; दोस्ताना चुनाव लड़ेगी आरजेडी और कांग्रेस?

महागठबंधन में आरजेडी की मर्जी पर अन्य दल टिके हैं। सबसे बड़े दल होने के कारण आरजेडी अपनी मर्जी के अनुसार न केवल सीटें चुन रहा है बल्कि आधिकारिक घोषणा के बगैर प्रत्याशियों को सिंबल भी दे रहा है।

Malay Ojha हिन्दुस्तान, पटनाWed, 27 March 2024 08:36 PM
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इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे की गुत्थी नहीं सुलझ रही है। विशेषकर आरजेडी-कांग्रेस में सीटों पर रार जारी है। कांग्रेस जितनी और जो सीटें चाह रहा है, उसे आरजेडी नहीं दे रहा है। पटना से लेकर दिल्ली तक दोनों घटक दलों के नेताओं के बीच बैठक हो रही है। बुधवार को हुई बैठक का भी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। हालांकि, गठबंधन के नेता यह जरूर कहते नजर आ रहे हैं कि आज-कल में आधिकारिक रूप से सीटों का बंटवारा हो जाएगा। दिल्ली में आरजेडी-कांग्रेस की बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने जो बयान दिया वह भी साफ नहीं था। उन्होंने कहा कि सबको सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी। सूत्रों के अनुसार पूर्णिया और कटिहार सीट को लेकर कांग्रेस व आरजेडी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। 

दरअसल, महागठबंधन में आरजेडी की मर्जी पर अन्य दल टिके हैं। सबसे बड़े दल होने के कारण आरजेडी अपनी मर्जी के अनुसार न केवल सीटें चुन रहा है बल्कि आधिकारिक घोषणा के बगैर प्रत्याशियों को सिंबल भी दे रहा है। इस कारण स्थिति यह हो गई है कि पहले चरण का नामांकन गुरुवार को समाप्त हो रहा है लेकिन अब तक गठबंधन का कौन सा दल कहां से चुनाव लड़ेगा, यह अभी तक तय नहीं हो सका है। पहले चरण में औरंगाबाद पर कांग्रेस का दावा धरा रह गया। आरजेडी ने वहां से अभय कुशवाहा को सिंबल दे दिया। औरंगाबाद के पूर्व सांसद निखिल कुमार ने सार्वजनिक रूप से इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर पार्टी कहे तो वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हालांकि नेतृत्व की ओर से उनको कोई सिग्नल नहीं मिलने पर वे सिर्फ राजद को गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत दे रहे हैं। 

अब नई जिच पूर्णिया सीट को लेकर सामने आई है। पप्पू यादव बहुत उम्मीद के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे कि उन्हें पूर्णिया से महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया जाएगा। अब आरजेडी ने जेडीयू की विधायकी छोड़कर पार्टी में आईं बीमा भारती को सिंबल दे दिया है। इससे पप्पू यादव नाराज हैं। पप्पू यादव ने बुधवार को पटना में पत्रकारों से यहां तक कहा कि वे दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। सीटों का तालमेल नहीं होने पर कांग्रेस और वामदलों की ओर से भी अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। 

वहीं कांग्रेस नेता और कटिहार से टिकट के प्रबल दावेदार तारिक अनवर एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे, जिस पर विवाद हो गया है। उनके विरोधी कह रहे हैं कि पार्टी का आयोजन प्रशांत किशोर के जन सुराज ने किया था जबकि तारिक अनवर कह रहे हैं कि आयोजक स्थानीय लोग थे।

दिल्ली में बातचीत जारी, आधिकारिक घोषणा जल्द
दिल्ली में कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक और वेणु गोपाल के आवास पर तेजस्वी यादव के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद तेजस्वी ने सीटों का पेच सुलझाने का दावा किया। कांग्रेस सूत्रों ने भी दावा किया कि किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, समस्तीपुर, बेतिया, पटना साहिब और सासाराम पर सहमति बन गई है। महाराजगंज पर भी कांग्रेस ने दावेदारी की है। इसके अलावा सुपौल या मधेपुरा में से भी कोई एक सीट कांग्रेस को मिल सकती है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि एक-दो दिनों में सीटों का आधिकारिक बंटवारा हो जाएगा। बहरहाल जब तक सीटों का बंटवारा न हो जाए, तब तक नेताओं के ये दावे कागजी ही साबित होंगे।  

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