प्राइवेट स्कूलों की बेइमानी उजागर, गरीब बच्चों को दिया धोखा; फर्जी एडमिशन दिखा सरकारी राशि लेने की साजिश
निजी स्कूलों को 25 फीसदी आरक्षित सीटों के तहत कुल नामांकन के लिए राशि दी जाए, इसके लिए शिक्षा विभाग ने पोर्टल बनाया है। ज्ञानदीप नाम के इस पोर्टल पर निजी स्कूलों ने पंजीयन किया है।
बिहार में निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा के अधिकार की धज्जी उड़ाने और फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि हड़पने की साजिश का मामला उजागर हुआ है। निजी स्कूलों ने 25 फीसदी गरीब बच्चों का दाखिला लिया ही नहीं और जब पैसे लेने की बारी आई तो फर्जी छात्रों का नाम डाल कर उनकी संख्या बढ़ा दी। राज्य सरकार की छानबीन में भी यह बात सामने आई है।
दरअसल, राज्य के 2564 निजी स्कूल में 10543 ऐसे बच्चे चिह्नित हुए हैं, जिनका स्कूल के रजिस्टर पर नाम ही नहीं है। ये बच्चें स्कूल भी नहीं आते हैं। अब शिक्षा विभाग इन स्कूलों को संबंधित जिला शिक्षा कार्यालय के माध्यम से कारण बताओ नोटिस देने भेज रहा है। पटना जिला की बात करें तो 231 निजी स्कूलों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर 3421 फर्जी नाम डाल दिए थे। इन स्कूलों ने 2019 से 2024 तक संख्या बढ़ाने के लिए फर्जी तरीके से बच्चों का नाम डाल कर दाखिले की संख्या बढ़ा दी है। बता दें कि शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों को कक्षा एक या नर्सरी में प्रति सेक्शन 25 फीसदी बच्चों का दाखिला लेना है। स्कूल जितने बच्चों का दाखिला लेते हैं उसके लिए राज्य सरकार प्रति बच्चा छह हजार रुपए सालाना देती है।
राशि देने से पहले स्कूल की जांच हुई तो खुली पोल
बाइपास स्थिति एक निजी स्कूल ने वर्ष 2020 में 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर पांच बच्चों का दाखिला लिया, लेकिन जिला शिक्षा कार्यालय को 45 बच्चों की सूची भेजी। अब जब स्कूल को दाखिले की राशि दी जाने लगी तो जांच में पता चला कि स्कूल ने मात्र पांच बच्चों का ही दाखिला लिया था। स्कूल को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
इतने स्कूल आएं हैं पकड़ में
जिला का नाम कुल स्कूल कुल फर्जी बच्चे
पटना 231 3421
मुजफ्फरपुर 211 2132
भागलपुर 198 1532
गया 187 1355
पूर्णिया 177 1043
दरभंगा 165 984
समस्तीपुर 144 875
25 फीसदी आरक्षित सीटों पर नामांकन के लिए निजी स्कूलों से नामांकित बच्चों का डेटा मांगा गया था। स्कूलों ने जो डेटा दिया उसका मिलान ज्ञानदीप पोर्टल पर अपलोड डेटा से किया गया। कई स्कूलों के डेटा में अंतर पाया गया है। -अमित कुमार, डीईओ पटना
दानापुर स्थित एक निजी स्कूल ने वर्ष 2019 में 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर 12 बच्चों का दाखिला लिया, लेकिन 50 बच्चों की सूची बना कर डीईओ कार्यालय भेज दिया। अब जब राशि देने के लिए जांच की गयी तो पता चला कि स्कूल ने सिर्फ 12 बच्चों का ही दाखिला लिया है। स्कूल को कारण बताओ का नोटिस भेजा गया है।
निजी स्कूलों को 25 फीसदी आरक्षित सीटों के तहत कुल नामांकन के लिए राशि दी जाए, इसके लिए शिक्षा विभाग ने पोर्टल बनाया है। ज्ञानदीप नाम के इस पोर्टल पर निजी स्कूलों ने पंजीयन किया है। पंजीयन के बाद जब स्कूल की जांच हुई तो पता चला कि बहुत से स्कूलों से बच्चों की दी गयी संख्या और अपलोड बच्चों की संख्या में अंतर है। अब जिलावार निजी स्कूल की सूची तैयार की गई है। सभी स्कूलों को पहले कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद इसकी जानकारी सीबीएसई को दी जाएगी। बता दें कि ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से 2019-20 से 2023-24 तक नामांकित कुल बच्चों को राशि दी जाएगी। पहली बार ज्ञानदीप पोर्टल से निजी स्कूलों को 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर नामांकन की राशि दी जाएगी।