Hindi Newsबिहार न्यूज़Dangerous variant of dengue in Bihar Den V type 2 strain wreaking havoc in Patna and other districts

बिहार में डेंगू का घातक वेरिएंट, पटना समेत अन्य हिस्सों में कहर बरपा रहा डेन-वी टाइप 2 स्ट्रेन

आईजीआईएमएस में अबतक 70 से अधिक सैंपलों की सीरो टाइपिंग हो गई है। सभी में टाइप 2 डेंगू का प्रकोप ही पाया गया है। इससे पीड़ित में सिर में तेज दर्द, तेज बुखार, शरीर में लाल दाना, चकता जैसे लक्षण हैं।

Jayesh Jetawat संजय पांडेय, हिन्दुस्तान, पटनाFri, 4 Nov 2022 06:40 AM
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बिहार में राजधानी पटना समेत अन्य हिस्सों में डेंगू की घातक प्रजाति डेन-वी टाइप 2 स्ट्रेन कहर बरपा रहा है। टाइप 2 स्ट्रेन पटना से पहले दिल्ली और यूपी के कुछ शहरों में प्रकोप फैला चुका है। यह खुलासा आईजीआईएमएस में डेंगू के सैंपलों की हो रही सीरो टाइपिंग में हुआ। आईजीआईएमएस के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में राज्य में पहली बार डेंगू के स्ट्रेन की पहचान के लिए सीरो टाइपिंग की जा रही है। 

विभाग की अध्यक्ष डॉ. नम्रता ने बताया कि डेंगू के चार प्रकार के स्ट्रेन डीईएन वी- 1, 2, 3 और 4 पाए जाते हैं। लेकिन राज्य भर से अबतक आए सभी सैंपलों में टाइप 2 यानी डीईएनवी-2 का स्ट्रेन ही पाया गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि इस बार डेंगू का प्रकोप पिछले कुछ सालों की तुलना में ज्यादा देखा गया। यही कारण है कि सरकार ने इसकी पहचान की पहल की। 

पटना में साढ़े पांच हजार मरीज मिल चुके

आईजीआईएमएस में अबतक 70 से अधिक सैंपलों की सीरो टाइपिंग हो गई है। सभी में टाइप 2 डेंगू का प्रकोप ही पाया गया है। इससे पीड़ित व्यक्ति में सिर में तेज दर्द, तेज बुखार, शरीर में लाल दाना, चकता, आंखों के पीछे तेज दर्द, जोड़ों में दर्द आदि पूर्व की भांति लक्षण हैं। वहीं कुछ लोगों में कमजोरी, फेफड़े, छाती में पानी, लिवर में सूजन आदि की समस्या बढ़ी हुई दिख रही है। पटना में अबतक साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोग इससे पीड़ित हो चुके हैं। यह एक सीजन में सबसे ज्यादा पीड़ितों के मिलने का रिकॉर्ड भी है। 

कोरोना की तरह डेंगू से ठीक होने के बाद भी कई शिकायतें

कोरोना की तरह डेंगू संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग लंबे समय तक इसके साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव)से जूझ रहे हैं। डेंगू से गंभीर रूप से पीड़ित होने के बाद लगभग 25 से 30 प्रतिशत मरीजों में फैटी लिवर, लिवर में सूजन, जौंडिस की शिकायत रह रही है। संक्रमण के दौरान 10 प्रतिशत पीड़ितों को पेट, फेफड़े और छाती में पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा ठीक होने के बाद वे लंबे समय तक जोड़ों व घुटने में दर्द, कलाइयों से काम करने में परेशानी, अकड़न आदि की समस्या से भी जूझते हैं। 

पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, पारस जैसे बड़े अस्पतालों व अन्य डॉक्टरों के क्लिनिकों में पहुंच रहे मरीजों की जांच के बाद यह जानकारी सामने आई है। पीएमसीएच के डॉ. पीएन झा, छाती रोग विभाग के डॉ. बीके चौधरी, वरीय फिजिशयन चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र कुमार और पारस अस्पताल के डॉक्टर प्रकाश सिन्हा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस वर्ष पीड़ितों में डेंगू के लक्षण ज्यादा घातक दिखे। हालांकि प्लेटलेट्स की कमी पिछले वर्षों की तुलना में कम देखी गई, लेकिन डब्ल्यूबीसी, हेमोग्लाबिन के स्तर पर भी गिरावट देखी जा रही है।

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