साइबर क्राइम: ओएलएक्स पर ग्राहक बन मैनेजर के खाते से 65 हजार उड़ाये
ओएलएक्स पर मोबाइल बेचने का विज्ञापन अपलोड करना छात्र को महंगा पड़ा। ऑनलाइन इस विज्ञापन को देखकर एक शातिर अपने को फौजी बताकर ग्राहक बन गया। सौदा तय होने पर जब छात्र ने ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने के लिए...
ओएलएक्स पर मोबाइल बेचने का विज्ञापन अपलोड करना छात्र को महंगा पड़ा। ऑनलाइन इस विज्ञापन को देखकर एक शातिर अपने को फौजी बताकर ग्राहक बन गया। सौदा तय होने पर जब छात्र ने ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने के लिए शातिर को अपने मैनेजर पिता के अकांउट आदि की जानकारी वाट्सएप पर भेजी तो शातिर ने उसके पिता के खाते से 65 हजार रुपये उड़ा दिये। मोबाइल पर अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज आने पर छात्र को ठगी का शिकार होने का पता चला। इस मामले में पीड़ित छात्र की ओर से कंकड़बाग थाने में अज्ञात साइबर ठग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
क्या है पूरा मामला
कंकड़बाग थाना क्षेत्र के जालेश्वर मंदिर के पीछे पीआईटी कॉलोनी निवासी रीसू दत्ता ने अपने पुराने मोबाइल को बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन अपलोड किया था। मोबाइल की कीमत उसने 17 हजार तय की थी। साइबर ठगों ने ग्राहक बनकर ऑनलाइन पेमेंट करने के नाम पर रीसू का फोन पे ऐप के माध्यम से उसका सभी बैंक डिटेल्स लेकर उसके पिता के बैंक खाते से 64 हजार 300 रुपये निकाल लिए। पुलिस को दिये बयान में पीड़ित ने बताया कि वह राजस्थान कोटा में अपने पिता सुबोध कुमार दत्ता के साथ रह कर क्लास 12वीं की पढाई करता है। पिता भी कोटा में ही एक कनटेनर कॉरपोरेशन कंपनी में बतौर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। सोमवार की दोपहर उसके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया।
लिंक खोलते ही खाते से गायब हुई रकम
पीड़ित के मुताबिक कॉल करने वाले से 16 हजार रुपये में मोबाइल का सौदा तय हो गया। ग्राहक ने खुद को फौजी बताया और अपना नाम मंजीत सिंह बताया। छात्र को विश्वास हो इसलिए उसने अपने अन्य ठग साथी परमिल सिंह का फर्जी आर्मी का आइकार्ड व आधार कार्ड वाट्सअप पर भेजा। इसके बाद कॉलर ने कुछ देर बाद उन्हें फोन किया और रुपये फोन पेय के माध्यम से भेजनी की बात कही। इसके बाद उसने एक लिंक भेजा और जल्द ही उसे ओके करने के लिए कहा। लिंक पर क्लिक करने के बाद अकाउंट से पैसा कट गया। थाना प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है, जो मोबाइल नंबर दिया गया है उसे चेक किया जा रहा है। आरोपितों को पकड़ने के लिए साइबर सेल की मदद ली जायेगी।