बिहार: बच्चों-युवाओं को तेजी से चपेट में ले रहा कोरोना, 20 से 29 साल के सर्वाधिक 26.3 फीसदी संक्रमित
बिहार में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बच्चों और युवाओं में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य में 20 से 29 साल के सर्वाधिक 26.3 फीसदी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए है। साथ ही 10 से 19 वर्ष...
बिहार में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बच्चों और युवाओं में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य में 20 से 29 साल के सर्वाधिक 26.3 फीसदी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए है। साथ ही 10 से 19 वर्ष के 22.5 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है।
सूत्रों के अनुसार 10 से 30 साल के बीच कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 48.8 फीसदी जबकि 0 से 9 साल के छोटे बच्चों में इसका प्रभाव 8 फीसदी पाया गया है। इस प्रकार 50 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमित 30 साल तक के ही पाए गए है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह आकलन 07 जनवरी तक किए गए संक्रमित मरीजों की पहचान के आधार पर तय किए गए हैं।
सबसे कम 50 से 59 साल के व्यक्तियों में 6.6 फीसदी संक्रमित: विभाग द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की उम्र-वार किए गए आकलन के अनुसार राज्य में सबसे कम 50 से 59 साल के व्यक्तियों में 6.6 फीसदी संक्रमण पाया गया है। 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में 7.3 फीसदी संक्रमित पाए गए है। 30-39 साल के युवाओं में 17.9 फीसदी और 40 से 49 साल के व्यक्तियों में 11.5 फीसदी कोरोना संक्रमण पाया गया है। इस प्रकार, 30 से 49 साल के व्यक्तियों के बीच कोरोना संक्रमण का असर 29.4 फीसदी व्यक्तियों में पाया गया है।
पुरुषों में अधिक संक्रमण पाया गया
सूत्रों के अनुसार पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक कोरोना संक्रमण पाया गया है। पुरुषों में 54.3 फीसदी तो महिलाओं में 45.7 फीसदी संक्रमण की जानकारी मिली है। पुरुषों व महिलाओं के बीच कोरोना संक्रमण में करीब दस फीसदी का अंतर है।
करीब 40 फीसदी सैंपल की हो रही आरटीपीसीआर जांच
बिहार में कुल सैंपल में करीब 40 फीसदी सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। 07 जनवरी को राज्य में 2 लाख 10 हजार 323 सैंपल की जांच की गई थी। इनमें 70 हजार 567 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की गई थी। जो कि कुल जांच का 33.55 फीसदी है। जबकि एक दिन पूर्व 06 जनवरी को 1 लाख 84 हजार 750 सैंपल की कोरोना जांच की गई थी। जिसमें 66 हजार 216 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की गई थी। यह कुल जांच में 35.84 फीसदी सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग ट्रू-नेट जांच को भी आरटीपीसीआर जांच का समकक्ष ही मानती है, इसलिए करीब 40 फीसदी जांच एंटीजेन जांच के अतिरिक्त की जा रही है।