चीनी सैनिकों के साथ खूनी संघर्ष में बिहार के 6 लाल शहीद
लद्दाख सीमा के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में बिहार के छह लाल शहीद हुए हैं। इसमें पांच बिहार के हैं, जबकि झारखंड के साहेबगंज के कुंदन कुमार ओझा का मूल घर बिहार के आरा में ही...
लद्दाख सीमा के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में बिहार के छह लाल शहीद हुए हैं। इसमें पांच बिहार के हैं, जबकि झारखंड के साहेबगंज के कुंदन कुमार ओझा का मूल घर बिहार के आरा में ही है।
खूनी संघर्ष में दानापुर स्थित 16-बिहार रेजिमेंट सेंटर (बीआरसी 16) बटालियन को ज्यादा क्षति पहुंची है। अब तक सामने आ रहे आंकड़ों के अनुसार 16 बटालियन के 12 जवान शहीद हुए हैं, जिसमें पांच जवान बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं।
शहादत को प्राप्त करने वाले सैनिकों में पटना जिले के बिहटा के तारानगर सिगड़ी निवासी हवलदार सुनील कुमार के अलावा भोजपुर के चंदन कुमार, सहरसा के कुंदन कुमार, समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर थाने की रासपुर पतसिया पश्चिम पंचायत के सुलतानपुर पूरब गांव निवासी अमन कुमार और वैशाली के सिपाही जय किशोर सिंह हैं। बताया जा रहा है कि कुछ सैनिक गंभीर रूप से जख्मी हैं तो कुछ लापता हैं। जिनकी खोजबीन की जा रही है।
पटना जिला के बिहटा के शहीद सुनील का पार्थिव शरीर बुधवार शाम पटना एयरपोर्ट पहुंचा। पटना एयरपोर्ट पर शहीद के बड़े पुत्र आयुष कुमार ने अपने पिता को सलामी दी। एयरपोर्ट से शहीद का शव सैनिक सम्मान के साथ बीआरसी दानापुर ले जाया गया। वहां सलामी देने के बाद गुरुवार को पार्थिव शरीर उनके गांव बिहटा के तारानगर ले जाया जाएगा। एयरपोर्ट पर सैन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।