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इस जिले के कोचिंग संस्थानों पर लटक रही तलवार? तीन साल बाद भी डीईओ कार्यालय को नहीं सौंपी रिपोर्ट, पढ़ें मामला

बिहारशरीफ के जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी अपनी लापरवाही के जाल में हमेशा खुद फंसते रहते हैं। नया मामला 31 अक्टूबर 2018 का है। अब तीन साल बीत जाने के बाद भी डीईओ कार्यालय ने विभाग द्वारा मांगी...

Sneha Baluni हिन्दुस्तान संवाददाता, बिहारशरीफThu, 11 Nov 2021 12:26 PM
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बिहारशरीफ के जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी अपनी लापरवाही के जाल में हमेशा खुद फंसते रहते हैं। नया मामला 31 अक्टूबर 2018 का है। अब तीन साल बीत जाने के बाद भी डीईओ कार्यालय ने विभाग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। विभाग ने वर्ष 2018 में ही जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों से जिले भर के रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट मांगी थी।

इस पूरे मामले का खुलासा आरटीआई से मांगी गई रिपोर्ट से हुआ है। हैरत की बात तो यह है कि जिले में कितने कोचिंग संस्थान चल रहे हैं और उनमें से कितने रजिस्टर्ड हैं, इस बात से विभाग अब तक पूरी तरह अनजान है। इस संबंध में विभागीय सूत्रों का कहना है कि मान्यता प्राप्त कोचिंग संस्थानों के छात्र-छात्राओं का ब्योरा बिहार करियर पोर्टल एप पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इससे एक डाटा बैंक बनेगा।

दूसरी ओर जो कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं हैं, उन संस्थानों का निबंधन बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं संचालन) 2010 एक्ट के तहत आवश्यक है। कोचिंग संस्थानों के प्रबंधकों व निदेशकों से कहा गया है कि कोचिंग संस्थानों के वैसे छात्र-छात्रा, जो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से पंजीकृत हैं, का बिहार कैरियर पोर्टल एप पर लॉगिन कराया जाये।

कोचिंग संस्थानों के अलावा चालू वित्त वर्ष में माध्यमिक चालू वर्ष व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों और इंटर कॉलेजों के लिए पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए पोर्टल एप पर अपलोड करने का आदेश सभी जिलों को दिया गया है।

रजिस्ट्रेशन में कई बिंदुओं का देना होगा जवाब

कोचिंग संस्थानों को कई बिंदुओं पर आवश्यक रूप से जानकारी भी देनी होगी। इनमें नामांकित विद्यार्थियों की संख्या व पर्याप्त संख्या में फर्नीचर, रोशनी का पर्याप्त इंतजाम, पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा, स्वच्छता व सफाई का उचित प्रबंध, अग्निशामक यंत्र का इंतजाम, इलाज की सुविधा एवं वाहनों के लिए पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए पोर्टल पार्किंग की व्यवस्था शामिल है। प्रदेश एप के माध्यम से विभिन्न प्रवेश के सभी 38 जिलों में तकरीबन परीक्षा और छात्रवृति, महाविद्यालय के 3000 कोचिंग संस्थान निबंधित हैं।

तय मानकों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

सूत्रों का कहना है कि तय मानकों का उल्लंघन करने पर जुर्माना का भी प्रविधान है। पहली बार उल्लंघन पर 25 हजार रुपये, दूसरी बार उल्लंघन पर 1 लाख रुपये तक और तीसरी बार उल्लंघन पर कोचिंग संस्थान का निबंधन रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में गठित कमिटी द्वारा कोचिंग संस्थान का निबंधन का प्रावधान है।

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