Hindi Newsबिहार न्यूज़Clash in Bihar Congress over MLC elections MLA Pratima Das came out against state president Akhilesh Prasad Singh

एमएलसी चुनाव पर बिहार कांग्रेस में घमासान, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के विरोध में उतरीं विधायक प्रतिमा दास

बिहार कांग्रेस में घमासान छिड़ गया है। महिला विधायक प्रतिमा दास प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के विरोध में उतर आई हैं। उन्होंने अखिलेश द्वारा आलाकमान को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 9 March 2024 07:32 PM
share Share

बिहार विधान परिषद के चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस में घमासान मच गया है। एमएलसी चुनाव में कांग्रेस से एक भी प्रत्याशी नहीं उतारे जाने पर पार्टी की विधायक प्रतिमा दास ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश सिंह ने कांग्रेस आलाकमान को अंधेरे में रखते हैं। कांग्रेस पार्टी के 17 विधायक होने के बावजूद एक भी एमएलसी नहीं बनना हैरतअंगेज है। इस बीच अखिलेश को आलाकमान ने दिल्ली तलब किया है। शनिवार को वे सभी कार्यक्रम छोड़कर पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

वैशाली जिले की राजापाकर सीट से कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने बगावती तेवर दिखाए हैं। उन्होंने खुलकर प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह का विरोध किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अखिलेश केंद्रीय नेतृत्व को मिसगाइड करते हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि वह विधायकों को मिलने का समय नहीं देते और फोन तक नहीं उटाते हैं। प्रतिमा ने कहा कि उन्हें अखिलेश से मिले हुए भी बहुत समय हो गया। प्रदेश अध्यक्ष जब विधायक का फोन नहीं उठाते तो पंचायत का कोई कार्यकर्ता उनसे कैसे मिलेगा। उन्होंने आलाकमान से अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह किसी और व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग भी कर दी।

दरअसल, बिहार की 11 एमएलसी सीटों पर इस महीने चुनाव हो रहे हैं। महागठबंधन से 5 प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है। लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने 4 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए। वहीं, एक अन्य सीट पर कांग्रेस के बजाय सीपीआई माले से उम्मीदवार घोषित किया गया है। यानी कि इस चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी। बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 17 तो माले के 12 विधायक हैं। एमएलसी चुनाव में एक प्रत्याशी की जीत के लिए कम से कम 22 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस अब माले प्रत्याशी का समर्थन करेगी।

राज्यसभा सीट के बदले हुई डील?
रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में एक डील हुई थी। उस चुनाव में भी सीपीआई माले ने एक राज्यसभा सीट की मांग की थी। हालांकि, आरजेडी ने माले को राज्यसभा की जगह विधान परिषद चुनाव में एक सीट देने का वादा किया। इसके बदले में माले विधायकों से कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार अखिलेश प्रसाद सिंह के लिए समर्थन मांगा गया। कांग्रेस को राज्यसभा सीट पर जीत मिल गई और अखिलेश दोबारा सांसद बन गए। अब कांग्रेस विधान परिषद चुनाव में सीपीआई माले के प्रत्याशी को समर्थन देकर जिताएगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें