बंपर बहालीः बिहार में नियुक्त होंगे 19 हजार पुलिसकर्मी, डायल-112 सेवा में होगी तैनाती
ईआरएसएस में बहाली से संबंधित प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद अब वित्त विभाग समेत अन्य विभागों से अंतिम रूप से मोहर लगने के बाद इससे संबंधित अधिसूचना राज्य सरकार जारी करेगी।
बिहार में डायल-112 यानी ईआरएसएस (इमर्जेंसी रिस्पांस स्पोर्ट सिस्टम) के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है। इसमें 800 नये चारपहिया वाहनों के साथ ही 200 मोटरसाइकिलें भी खरीदी जायेंगी।
यह पहला मौका है, जब बिहार पुलिस की ईआरएसएस में मोटरसाइकिलें भी शामिल की जा रही हैं। ताकि किसी घटना होने पर संकरी गलियों में भी आसानी से प्रवेश कर सके। कई शहरों में ऐसी गलियां मौजूद हैं, जहां गाड़ी प्रवेश नहीं कर सकती है। साथ ही शहरों में जाम की स्थिति होने पर घटना स्थल तक जल्द पहुंचा जा सके। मोटरसाइकिल खरीदने से संबंधित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा ईआरएसएस का संचालन सही तरीके से करने के लिए सिपाही से दारोगा तक के 19 हजार कर्मियों की बहाली की जायेगी। यह बहाली दो चरणों में होगी।
ईआरएसएस में बहाली से संबंधित प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद अब वित्त विभाग समेत अन्य विभागों से अंतिम रूप से मोहर लगने के बाद इससे संबंधित अधिसूचना राज्य सरकार जारी करेगी। इसके साथ ही बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। इस वर्ष के अंत तक पुलिस महकमा में करीब 67 पदों पर बहाली होनी है, जिसमें सिपाही की संख्या सबसे ज्यादा है। इसकी शुरुआत ईआरएसएस में होने वाली बहाली से होने जा रहा है।
पुलिस महकमा नये वर्ष में अपनी क्षमता का विस्तार करने के साथ ही ईआरएसएस को सुदृढ़ करने पर खासतौर से ध्यान दे रही है। वर्तमान में डॉयल-112 में 400 गाड़ियां तैनात हैं। 800 नई गाड़ियां आने से इनकी संख्या बढ़कर 1200 हो जाएगी। तब पूरे राज्य में कोई घटना होने पर पुलिस 20 से 25 मिनट में पहुंच पाएगी।
डॉयल-112 में प्रति वाहन तीन सिपाही एक जमादार या दारोगा समेत चार कर्मी की आवश्यकता पड़ती है। तीन शिफ्ट में एक वाहन पर 12 कर्मियों की ड्यूटी रहती है। 800 नये वाहनों के आने पर नौ हजार 600 कर्मियों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा इसे संचालित करने के लिए चल रहे कमांड सेंटर पर अभी करीब 300 कर्मी कार्यरत हैं। 90-90 की संख्या में तीन शिफ्ट में इनकी ड्यूटी लगती है। इसमें कॉल टेकर से लेकर डिस्पैचर तक शामिल हैं। गाड़ियों की संख्या बढ़ने पर कंट्रोल सेंटर के भी कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इनकी संख्या 800 तक करने की योजना है। क्षमता बढ़ने पर इसके सॉफ्टवेयर को भी अपग्रेड किया जा रहा है।