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नीतीश से शिक्षक नियुक्ति पत्र लेने ये सब लेकर आना है, ये मना है: गलती हुई तो गांधी मैदान में एंट्री नहीं

राजधानी पटना के गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को प्रवेश उनके औपबंधिक नियुक्ति पत्र और आधार कार्ड से ही मिलेगा। जिनके पास ये दोनों दस्तावेज नहीं होगा, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।

Malay Ojha हिन्दुस्तान, पटनाThu, 2 Nov 2023 07:01 AM
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल 2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में 25 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे। 27 जिलों के करीब 25 हजार शिक्षक कल पटना पहुंचेंगे। इस बीच शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी कर कहा गया है कि अपने साथ कोई भी शिक्षक अभ्यर्थी सामग्री बैग, खाने का सामान, पानी का बोतल आदि लेकर गांधी मैदान में नहीं आएंगे। गांधी मैदान में पीने के पानी, शौचालय और यूरिनल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को प्रवेश उनके औपबंधिक नियुक्ति पत्र और आधार कार्ड से ही मिलेगा। जिनके पास ये दोनों दस्तावेज नहीं होगा, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।

शिक्षा विभाग ने यह भी साफ किया है कि नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान शिक्षक अपना मोबाइल को बंद या साइलेंट मोड में रखेंगे। शिक्षक चिह्नित स्थान पर ही बैठेंगे। शिक्षकों की सुविधा के लिए गांधी मैदान के विभिन्न प्रवेश द्वारों के निकट हेल्प डेस्क की व्यवस्था भी रहेगी। कार्यक्रम के दौरान मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से फोटो या वीडियो नहीं बनाया जाएगा। कार्यक्रम के बाद संबंधित तस्वीरें-वीडियो जिलों को अलग से उपलब्ध करा दिया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान शांत रहना है और आपस में बातचीत या इधर-उधर चहलकदमी नहीं करनी है। 

वहीं दूसरी ओर बीपीएससी के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन में गांवों के स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक कम हैं। इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। इसी के हिसाब से नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने की तैयारी चल रही है। नौवीं-दसवीं के शिक्षकों के सभी पद उन उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों को दिये गये हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं। वहीं, 11 वीं और 12 वीं के अधिकांश शिक्षकों के पद भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ही रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूलों में भी कमोवेश यही स्थिति है।

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